समस्तीपुर : ट्रेनों की लेटलतीफी को लेकर चर्चा में रहने वाले समस्तीपुर रेल मंडल में इन दिनों ट्रेनों की स्पीड साइकिल की हो गई है. मंडल के विभिन्न रेल खंडों पर 33 स्थानों पर रेलवे ने कॉशन लगा रखा है जिससे ट्रेन अपने गंतव्य तक पहुंचने में दो घंटे का अतिरिक्त समय लगा रही है. सबसे बुरा हाल मंडल के कपरपुरा व वाल्मीकिनगर रेल खंड का है. इस खंड पर करीब दस स्थानों पर स्पीड का कॉशन लगा है. जिससे ट्रेन अपने मानक स्पीड में नहीं चल पाती.
ट्रेनें निर्धारित सौ किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड के बदले 20 से 30 किलोमीटर की स्पीड से चलती है. रेलवे सूत्रों ने बताया कि मंडल के मानसी-सहरसा रेल खंड पर ट्रेनों की मानक स्पीड 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की है लेकिन कोपरिया और धमारा के बीच कोसी नदी के रेलवे ट्रैक के कारीब से गुजरने के कारण ट्रेन की स्पीड 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की गई है. इसी प्रकार मधेपुरा और मुरलीगंज रेल खंड पर ट्रेनों की मानक स्पीड 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की है लेकिन बुधमा और मुरलीगंज किलोमीटर 61/5-7 पर कॉशन लगा होने के कारण ट्रेन 20 किलोमीटर की स्पीड से चलती है.
इसी तरह सहरसा-मधेपुरा के बीच मानक स्पीड सौ किलोमीटर प्रतिघंटे की है लेकिन ट्रेन 30 किलोमीटर की स्पीड से चलती है. रेलवे के रिकार्ड के अनुसार किलोमीटर 95/600-96/100 पर खतरनाक मोड़ है जिससे ट्रेनों की स्पीड को कम किया गया है. यह तो चंद उपाहरण है. इस तरह के दो दर्जन से अधिक कॉशन ट्रेनों की स्पीड पर ब्रेक लगा रहे हैं. इस बावत पूछे जाने पर डीआरएम सुधांशु शर्मा ने कहा कि मेकनिकल वर्क के अलावा खतनाक कर्व आदि के कारण कॉशन लगाकर ट्रेनों का परिचालन होता है.