समस्तीपुर : शहर के गुदरी बाजार स्थित नगर परिषद मार्केट काॅम्पलेक्स की दुकानों के आवंटन में धांधली का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. जहां एक तरफ नियमों को ताक पर रख कर रेबड़ी की तरह दुकानों को बांटा गया, वहीं दूसरी तरफ उन दुकानों के असली हकदार 11 वर्षों से न्याय के लिए भटक रहे हैं.
इन्हें नगर प्रशासन ने न तो दुकानें ही दी और न ही उनके अग्रिम राशि को लौटाया. जानकारों की मानें तो नगर परिषद के कर्मचारियों एवं कुछ पार्षदों की मिलीभगत से दुकानों के आवंटन में खेलबेल किया गया है. आधे से अधिक दुकानों पर नप कर्मियों एवं उनके रिस्तेदारों का कब्जा है. स्थानीय वार्ड पार्षद मनोज कुमार जायसवाल ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री, मुख्य सचिव,
प्रधान सचिव, दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त एवं समस्तीपुर के जिलाधिकारी तक की है. पार्षद ने अपने आवेदन में कहा है कि मार्केट काॅम्पलेक्स निर्माण के लिए वर्ष 2005 में कई लोगों से डेढ़ से दो लाख रुपये अग्रिम के रूप में जमा कराये गये. मार्केट की 14 दुकानों के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन निकाला गया था. 125 लोगों ने एक-एक सौ रुपये देकर आवेदन की खरीदारी की थी. इसके बाद लॉटरी के माध्यम से 14 लोगों को दुकान का आवंटन किया गया था. इसके बाद पांच लोगों ने दो-दो लाख रुपये एवं एक ने डेढ़ लाख रुपये अग्रिम के रूप में जमा भी कराये थे.
लेकिन कुछ लोगों को 11 वर्षों के बाद भी दुकान नहीं मिली. वहीं अग्रिम राशि को दूसरे मद में खर्च कर दिया गया. वार्ड पार्षद ने आरोप लगाया है कि नपकर्मियों ने आठ दुकानों को बिना अग्रिम जमा कराये ही अवैध तरीके से अपने लोगों को आवंटित कर दिया. बताया गया है कि रुपये जमा करने वाले दो दुकानदारों को उच्च न्यायालय के आदेश पर पांच वर्षों बाद दुकान आवंटित की गयी. वहीं एक दुकानदार को उपभोक्ता फोरम के आदेश के छह साल बाद भी आवंटन नहीं किया गया. पार्षद ने इस मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग भी की है.