25 लाख के आये 50 प्रस्ताव205 स्वीकृत आवेदनों को नहीं मिली राशिप्रतिनिधि, समस्तीपुरप्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को तो औद्योगिक इकाइयों के उत्थान के लिए बनाया गया है. लेकिन इसकी सुस्त रफ्तार के कारण इसका लाभ शत प्रतिशत लोगों को नहीं मिल पा रहा है. आवेदन स्वीकार कर लिये जाने के बाद भी लोगों को बैंकों का चक्कर काटना पड़ रहा है. जिला उद्योग केंद्र ने 205 आवेदनों को इस वर्ष अब तक स्वीकृति दी है. वहीं पीएमइजीपी के लिए नवंबर महीने तक बैंकों ने अब तक राशि इकाइयों को नहीं दी है. जिसका खामियाजा इकाइयां भुगत रही है. पीएमइजीपी के तहत जिला उद्योग केंद्र ने जिन दो सौ पांच आवेदनों को स्वीकृति दी है. इसमें से 25 लाख की लागत से तैयार होने वाले 50 प्रोजेक्ट शामिल हैं. वहीं 1 लाख की लागत से शेष परियोजनाएं इसमें शामिल हैं. इस पर विभाग की 1458.50 लाख की राशि की स्वीकृति शामिल हैं. सभी परियोजनाएं सब्सिडी पर आधारित है. वित्तीय वर्ष 14-15 में पीएमइजीपी के लिए 343 आवेदनों की स्वीकृति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें खादी ग्राम उद्योग केंद्र के लिए 60 परियोजनाओं का लक्ष्य शामिल किया गया है. विभागीय सूत्रों की मानें तो जिला टास्क फोर्स की अनुशंसा के बाद पीएमइजीपी को परियोजनाओं को जिला उद्योग केंद्र से पास कर दिया जाता है. बैंक परियोजनाओं के लिए ऋण स्वीकृति को वित्तीय वर्ष के अंतिम समय तक ले जाते हैं. इसके कारण देर होती है. इस बाबत संपर्क करने पर जिला उद्योग केंद्र के परियोजना प्रबंधक राम शरण राम ने बताया कि डीआइपी ने आवेदनों को स्वीकृति दे दी है. वित्तीय वर्ष तक लक्ष्य की प्राप्ति कर ली जायेगी.
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प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की धीमी हुई रफ्तार
25 लाख के आये 50 प्रस्ताव205 स्वीकृत आवेदनों को नहीं मिली राशिप्रतिनिधि, समस्तीपुरप्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को तो औद्योगिक इकाइयों के उत्थान के लिए बनाया गया है. लेकिन इसकी सुस्त रफ्तार के कारण इसका लाभ शत प्रतिशत लोगों को नहीं मिल पा रहा है. आवेदन स्वीकार कर लिये जाने के बाद भी लोगों को बैंकों […]
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