जीविका से जुड़कर आज अपने बच्चों को कर रही है शिक्षित सहरसा . जिले के सौरबाजार प्रखंड के भेलवा निवासी डोमनी देवी ने अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी. तीन बच्चों की मां डोमनी देवी का जीवन तब बदल गया जब उनके पति, जो मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते थे अचानक से गंभीर रूप से बीमार पड़ गये. इलाज के दौरान परिवार पर कर्ज का बोझ बढ़ता गया एवं वर्ष 2018 में उनके पति का निधन हो गया. यह समय डोमनी देवी एवं उनके परिवार के लिए अत्यधिक चुनौतीपूर्ण था. परिस्थितियां कठिन थी लेकिन डोमनी देवी ने हिम्मत नहीं हारी. जीविका के राजधानी स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद उन्हें सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत सहायता प्रदान की गयी. पहले एसआईएफ के तहत उन्हें एक गुमटी व किराना दुकान शुरू करने के लिए सामान मिला. इसके बाद एलआईएफ एक की सहायता राशि से उनकी दुकान में और सामान जोड़ा गया. एलआईएफ दो के तहत उन्होंने श्रृंगार का सामान खरीदा. जिससे उनकी दुकान में विविधता आयी. एलआईएफ तीन के तहत उन्होंने एक गाय खरीदी जिससे दुग्ध व्यवसाय भी शुरू किया. आज डोमनी देवी के पास दो गायें व पांच बकरियां हैं. उनका किराना व श्रृंगार दुकान अच्छा चल रहा है. इसके अलावा दुग्ध व्यवसाय ने उनकी आय में स्थिरता ला दी है. डोमनी देवी अब अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर रही हैं व उनके बेहतर भविष्य के लिए मेहनत कर रही हैं. डोमनी देवी की कहानी संघर्ष, दृढ़ता व आत्मनिर्भरता का प्रतीक है. उन्होंने अपने जीवन को नई दिशा दी एवं अपने परिवार को गरीबी के चक्र से बाहर निकाला. डोमनी देवी ने कहा कि जीविका समूह व सतत जीविकोपार्जन योजना ने उनकी जिंदगी बदल दी. अब वह ना केवल आर्थिक रूप से सशक्त हुई है. बल्कि उन्होंने समाज में अपनी एक नई पहचान बनायी है. उनकी सफलता उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं.
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