बंगाली बाजार ओवरब्रिज निर्माण में अब नहीं है कोई बाधा
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रेल मंत्रालय की अनुमति के बाद इरकॉन से होगा एग्रीमेंट
बंगाली बाजार ओवरब्रिज निर्माण में अब नहीं है कोई बाधा सहरसा : शहर के बंगाली बाजार स्थित रेल समपार संख्या 31 ए स्पेशल पर ओवरब्रिज के बनने में भले ही विलंब हो रहा है. लेकिन इसके निर्माण में अब कहीं कोई अड़चन नहीं है. पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ अरविंद कुमार रजक ने बताया कि […]
सहरसा : शहर के बंगाली बाजार स्थित रेल समपार संख्या 31 ए स्पेशल पर ओवरब्रिज के बनने में भले ही विलंब हो रहा है. लेकिन इसके निर्माण में अब कहीं कोई अड़चन नहीं है. पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ अरविंद कुमार रजक ने बताया कि रेल मंत्रालय की स्वीकृति मिलते ही इरकॉन कंपनी से एग्रीमेंट होगा और फिर काम शुरू हो जायेगा. उन्होंने बताया कि बोर्ड की बैठक में लिये गये निर्णय को आखिरी मार्च में ही रेल मंत्रालय को भेज दिया गया है. वहां से अनुमति मिलते ही आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. सीपीआरओ ने बताया कि राज्य सरकार ने भी इस आरओबी के लिए पहले ही स्वीकृति व एनओसी दे दिया है. राज्य में बनने वाले 29 आरओबी में सहरसा का यह ओवरब्रिज भी शामिल है.
19 वर्षों से है लंबित, हुए तीन शिलान्यास : सहरसा में विकास की गति के लिए बंगाली बाजार के इस क्रॉसिंग पर आरओबी की जरूरत 1997 में ही महसूस की गयी थी. तत्कालीन सांसद दिनेश चंद्र यादव के प्रयास से इसे स्वीकृति भी मिली थी. उसी साल रेज राज्य मंत्री रहे दिग्विजय सिंह ने पहला शिलान्यास भी किया था. 2005 में बड़ी रेल लाइन के उद्घाटन के समय तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने इसका दूसरा शिलान्यास किया.
2013 में तत्कालीन सांसद शरद यादव के प्रयास से इस योजना को एक बार फिर स्वीकृति मिली और रेल राज्यमंत्री रहे अधीर रंजन चौधरी ने तीसरा शिलान्यास किया. तीसरी बार मिट्टी भी जांच हुई. लेकिन काम शुरू नहीं हो सका. अब उम्मीद जगी है.
शहरवासियों को जाम से निजात की जगी उम्मीद इरकॉन करेगा काम की भरपाई
केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं उच्च मार्ग विभाग के स्वीकृति पत्र में सहरसा के इस आरओबी की लागत 78.66 करोड़ रुपये और निर्माण पूरा होने का वर्ष 2019 निर्धारित किया है. सड़क परिवहन एवं उच्च मार्ग द्वारा जारी पत्र के अनुसार बंगाली बाजार के रेल समपार संख्या 31 ए स्पेशल पर ओवरब्रिज का निर्माण वित्तीय वर्ष 2016-17 से ही शुरू होना था.
बीते वित्तीय वर्ष में 15 करोड़ 60 लाख रुपये की राशि से 20 फीसदी काम पूरा होने की बात स्पष्ट थी. लेकिन काम शुरू नहीं हो सका. हालांकि इस बीच ओवरब्रिज निर्माण के लिए सर्वे व मिट्टी जांच पूरी कर ली गयी. लेकिन न तो टेंडर निकला और न ही काम शुरू हुआ. जिससे स्थानीय लोगों में एक बार फिर निराशा छाने लगी. सीपीआरओ श्री रजक ने बताया कि रेल मंत्रालय से स्वीकृति मिलने भर की देर है. निर्माण एजेंसी काम की भरपाई कर लेगी.
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