जुलाई 2015 में विभिन्न ट्रेनों से पहुंचा था सहरसा
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जब्त 20 लाख के पान मसाला को किया नष्ट
जुलाई 2015 में विभिन्न ट्रेनों से पहुंचा था सहरसा वाणिज्य विभाग व आरपीएफ की मौजूदगी में 90 बोरा गुटखा नष्ट सहरसा : बिहार सरकार द्वारा प्रतिबंधित लगभग 20 लाख का गुटखा मधु पान मसाला के 90 बोरा को रेलवे के वाणिज्य विभाग द्वारा सीनियर डीसीएम वीरेंद्र कुमार के निर्देश पर शनिवार को वाणिज्य अधीक्षक लोरेंतुस […]
वाणिज्य विभाग व आरपीएफ की मौजूदगी में 90 बोरा गुटखा नष्ट
सहरसा : बिहार सरकार द्वारा प्रतिबंधित लगभग 20 लाख का गुटखा मधु पान मसाला के 90 बोरा को रेलवे के वाणिज्य विभाग द्वारा सीनियर डीसीएम वीरेंद्र कुमार के निर्देश पर शनिवार को वाणिज्य अधीक्षक लोरेंतुस सोरेन, डीसीआइ रमण झा, आरपीएफ के पुअनि रमेश कुमार, पार्सल पर्यवेक्षक रमेश कुमार रमण की मौजूदगी में आग के हवाले किया गया.
डीसीआइ रमण झा ने बताया कि बीते वर्ष 2015 के 23 जुलाई को कानपुर से विभिन्न ट्रेनों से 90 बोरा माल आया था. जिसे जब्त किया गया और मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी गयी. मधु पान मसाला जिस नाम से आया था, उस नाम का कोई व्यक्ति सामने नहीं आया. लगभग दो वर्ष हो जाने के कारण व सामान खराब हो जाने के कारण वरीय अधिकारियों से मागदर्शन मांगा गया था. जिसके बाद सीनियर डीसीएम के निर्देश व सरकार के द्वारा प्रतिबंधित होने के कारण उसे आग के हवाले किया गया.
किसी बड़े कारोबारी का है सामान
डीसीआइ ने बताया कि गुटखा बरामद होने के बाद मामले की जानकारी आरपीएफ, जीआरपी, सेल टैक्स व कस्टम को भी दी गयी थी. लेकिन किसी के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी थी. उन्होंने बताया कि सामान किसी बड़े कारोबारी का है. कुछ लोगों ने सामान पर अपना दावा किया. लेकिन सही पहचान व सेलटैक्स सहित अन्य समुचित कागजात नहीं देने के कारण उसे सामान की आपूर्ति नहीं की गयी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टैक्स की चोरी करने व बाजार में ऊंचे दाम पर गुटखा बेचने के लिए किसी के नाम पर सामान मंगवाया गया था. लेकिन सामान जब्त हो जाने के बाद मामला फंस गया.
60 बोरा अब भी है बांकी : डीसीआइ ने बताया कि इसके बाद भी लगभग 60 बोरा गुटखा जब्त हैं. जिसके लिए भी मार्गदर्शन मांगा गया है. उन्होंने बताया कि तीस बोरा सहरसा में व 30 बोरा सुपौल में जब्त हैं. शनिवार को गुटखा को आग के हवाले करने की जानकारी मिलते ही लोगों की भीड़ जुट गयी. लोग इसे जहां रेलवे की अच्छी पहल बता रहे थे तो कारोबार से जुड़े लोगों में मायूसी छाई हुई थी.
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