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कहीं जाम, कहीं धूल से परेशानी
प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश की परवाह किसी को नहीं है. शहर में अतिक्रमण हटता नहीं, कि फिर हो जाता है. आम आदमी परेशान है. बाजार निकले तो जाम अौर धूल से जान निकली जाती है. जाम हटाने का कोई ठोस प्रयास भी नहीं हो रहा. सहरसा : ‘चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात’ कहावत […]
प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश की परवाह किसी को नहीं है. शहर में अतिक्रमण हटता नहीं, कि फिर हो जाता है. आम आदमी परेशान है. बाजार निकले तो जाम अौर धूल से जान निकली जाती है. जाम हटाने का कोई ठोस प्रयास भी नहीं हो रहा.
सहरसा : ‘चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात’ कहावत शहर की सड़कों पर सटीक बैठती है. कुछ सप्ताह पूर्व शहर की सभी सड़कों से ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई को देख लोगों ने अपने वाहन व दुकानदारों ने दुकान के अंदर बिक्री के लिए सामान को सजाया था. बावजूद सड़कों पर एक बार फिर अवैध रूप से वाहनों को खड़ा करने का सिलसिला शुरू हो गया है. ठेला वाले भी दुकानें सजाने लगे हैं. इसके चलते आने जानेवालों को काफी परेशानी हो रही है. वाहन चालक भी नियमों की परवाह न करते हुए सरेआम ट्रैफिक नियमों की अवहेलना करते हुए सड़क पर ही वाहन खड़ा करते हैं. पुलिस इक्का-दुक्का वाहनों के चालान काटने से भी परहेज करती है. इसके बाद पहले की तरह सड़कों पर ठेले- व गाड़ियां खड़ी कर दी जाती हैं. डीबी रोड, शंकर चौक के पास यातायात व्यवस्था का बुरा हाल है. बीते दिनों इंटर की परीक्षा के दौरान शहर की सभी सड़क जाम से बदहाल बनी हुई थी. लोग सड़क पर ही वाहन खड़ा कर देते हैं. इससे सारा दिन जाम की स्थिति बनी रहती है.
धूल से लोगों को होती परेशानी: स्थानीय गंगजला चौक के लोगों का कहना है कि सड़क पर इतना धूल उड़ता है कि आसपास जितने भी घर है, उन सब में धूल जमा हो जाता है. दिन के समय घर के दरवाजे एवं खिड़की को बंद रखना पड़ रहा है. यहां तक सड़क किनारे छोटे छोटे दुकानदार भी काफी प्रभावित हो रहे है. धूल के कारण उनका व्यापार नष्ट हो रहा है. नगरपालिका को बार बार अवगत कराने के बावजूद वे ध्यान नहीं दे रहे है. रेलवे प्रक्षेत्र में भी अमान परिवर्तन होने की वजह से दिनभर धूल का गुबार उठते रहता है. इसके बावजूद संवेदक द्वारा सड़कों पर पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है. हालांकि गंगजला रोड में बारिश के बाद टूट चुकी सड़क अब धूल की वजह से परेशानी का सबब बन रही है.
जनप्रतिनिधि व अधिकारी हैं उदासीन
शहर में सड़क जाम व उठ रहे धूल के गुबार से निजात दिलाने के बजाय स्थानीय समस्या के प्रति जिम्मेवार जनप्रतिनिधि व अधिकारी उदासीन बने हुए है. इनलोगों के द्वारा इस प्रकार की समस्या के समाधान के प्रति कोई कवायद नहीं की जा रही है. स्थानीय गंगजला चौक व पंचवटी की सड़क पर रोजाना हजारों लोगों के आवाजाही का दबाव रहता है. ऐसे में सड़क की बदहाली को ठीक करने के बजाय छोड़ दिया गया है. जबकि राज्य के सीएम व डिप्टी सीएम के कार्यक्रम की भनक लगते ही संबंधित विभाग रात के अंधेरे में भी सपाट सड़के बनाने के लिए चर्चित रही है.
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