सिमरी : लाइन ऑफ कंट्रोल पर अपनी जान गंवा बैठे घोघसम पंचायत के तिलाठी गांव निवासी संजीव कुमार को सोमवार को नम आंखों से विदाई दी गई. देश के जांबाज सपूत को आखिरी विदाई देते वक्त लोगों की आंखें गम से नम थीं तो सीना गर्व से चौड़ा था.जानकारी मुताबिक रविवार देर शाम शहीद का पार्थिव शरीर सहरसा पहुंचा.वही सोमवार सुबह जब संजीव का शव तिलाठी स्थित घर पहुंचा तो पूरे गांव में ही शोक में डूब गया और हर आँखे नम हो गई.वही सोमवार को श्रद्धांजलि देने के लिए कई गांव उमड़ पड़े.वही सेना के जवानों ने हवाई फायरिंग कर संजीव को सलामी दी.संजीव के पिता विलास यादव ने रुंधे गले से बताया कि आंखें नम और सीना चौड़ा कर गया मेरा संजीव. गर्व है कि वह देश के लिए शहीद हुआ
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शहीद के पिता ने कहा, आंखें नम और सीना चौड़ा कर गया संजीव
सिमरी : लाइन ऑफ कंट्रोल पर अपनी जान गंवा बैठे घोघसम पंचायत के तिलाठी गांव निवासी संजीव कुमार को सोमवार को नम आंखों से विदाई दी गई. देश के जांबाज सपूत को आखिरी विदाई देते वक्त लोगों की आंखें गम से नम थीं तो सीना गर्व से चौड़ा था.जानकारी मुताबिक रविवार देर शाम शहीद का […]
एलओसी पर लगा करंट: जम्मू कश्मीर के राजौरी अंतर्गत नौशहरा सेक्टर में सीमा पर तैनात जवान संजीव की करंट लगने से मौत हो गई.जानकारी के अनुसार, सिपाही संजीव कुमार नौशहरा सेक्टर में सीमा की सुरक्षा के लिए तैयार था. इसी दौरान उसे करंट लग गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया.
आसपास के जवानों ने उसे पास के सैन्य अस्पताल पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया.इस संबंध में सेना ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है.शव को राजौरी के उप जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर संबंधित यूनिट के अधिकारियों के हवाले कर दिया.जिसके बाद शव प्लेन से दिल्ली होते हुए पटना पहुंचा और पटना से सड़क मार्ग द्वारा रविवार देर शाम सहरसा पहुंचा.
नेताओं का लगा जमावड़ा: सोमवार को सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के घोघसम पंचायत के तिलाठी गांव के शहीद संजीव कुमार के अंतिम संस्कार जिले भर के नेताओ का जमावड़ा लग गया. सुबह सवेरे से दोपहर तक जिले के विभिन्न इलाकों से नेता पहुंचते रहे और शव पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. तिलाठी पहुंचने वाले नेताओं की लिस्ट पर गौर करें तो भाजपा नेता नीरज कुमार बबलू, भाजपा नेता रितेश रंजन, संजीव झा, अरविंद सिंह, भाकपा नेता ओम प्रकाश नारायण, छत्री यादव, बिपिन गुप्ता, जाप नेता शैलेंद्र शेखर, शशि यादव, युवा अध्यक्ष रंजन यादव, नन्दन कुमार, सुरेंद्र यादव सहित लगभग दो दर्जन नेताओ ने पार्थिव शरीर पर माल्या अर्पण किया एवं संवेदना व्यक्त की.
हो बाबू, अाब केना जीबै: सोमवार को पूरे तिलाठी गांव में मातम का माहौल था. शहीद की पत्नी ने गम भरे आंखों से अपने पति को मुखाग्नि दी.बीते दो दिनों से शहीद की पत्नी आशा देवी का रो-रो कर बुरा हाल है. कभी बेहोश हो जाती है तो घर वाले उसके चेहरे पर पानी का छींटा दे होश में लाते है.
अपने चार महीने के दुधमुंहे बच्चे को गोद में लिए क्रंदन करते हुए आशा कहती है कि हो बाबू, अब कैना जिबै – अाब केना चलतै जिनगी. वही मां की गोद से चार माह का दिव्यांशु अपने पिता के गुजर जाने से अंजान टकटकी निगाहों से सभी को निहार रहा है. दूसरी ओर बघटना के बाद से शहीद जवान के पिता विलास यादव और माँ मंजुला देवी का भी रो-रो कर बुरा हाल है. मां फफकते हुए कहती है कि बाबू हमर चल गेलै, अाब बूढ़ा के के सहारा.
सेना का हमेशा रहेगा साथ : कर्नल
सेना के पार्थिव शरीर के साथ कटिहार से एडम कर्नल स्टेशन हेड क्वार्टर सतीश दीक्षित ने तिलाठी गांव पहुंच कर शहीद के मां-बाप को सांत्वना दिया. उन्होंने इस दौरान जिला पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल, एसपी अश्विनी कुमार, एसडीओ सुमन प्रसाद साह, डीएसपी अजय नारायण यादव के साथ आगे की प्रक्रिया पर बातचीत की.वही शहीद के पिता विलास यादव को आगे भी सेना से मिलने वाले पेंशन आदि की जानकारी दी.कर्नल ने कहा कि सेना अपने साथियों के शहीद हो जाने के बाद भी साथियों के परिवार की जीवन के हर मोड़ पर सहायता करती है.उन्होंने कहा कि शहीद के बच्चे की पढ़ाई आदि में भी सेना का हमेशा सहयोग रहेगा.
छोटा बेटा भी जायेगा सेना में
एक ओर जहां सोमवार को सिमरी बख़्तियारपुर अंतर्गत घोघसम पंचायत के तिलाठी गांव में संजीव के जाने से पूरा गांव मर्माहत था.वही दूसरी ओर शहीद संजीव कुमार के पिता विलास यादव ने कहा कि उनका छोटा बेटा सुबिन भी सेना में जायेगा. उन्होंने कटिहार से आये सेना के कर्नल को कहा कि मुझे गर्व है मेरा बेटा सरहद पर शहीद हो गया, देश के लिए मैं अपने दूसरे बेटे को भी बॉर्डर पर दुश्मनों से लड़ने के लिए भेजूंगा.उन्होंने कहा कि वो एक किसान है जो देश को अन्न खिलाते है और मेरे बेटे देश की रक्षा में सर्वस्य न्योछावर करेंगे.उन्होंने कहा कि सेना के तरफ से पूर्ण सहयोग मिल रहा है और आगे के लिए उनके द्वारा मांगे गये सारे कागजात उपलब्ध करवाये जा रहे है.जम्मू कश्मीर के राजौरी नौशहरा सेक्टर सीमा पर शहीद हुए सेना के जवान संजीव की चार साल पूर्व शादी हुई थी.शादी के चार साल बाद पुत्र दिव्यांशु का जन्म हुआ और घर में खुशियो की लहर दौड़ गई और पूरे गांव में जमकर भोज हुआ.परन्तु, जन्म के चार साल बाद ही घर में मातम छा गया. जवान संजीव अपने पीछे पिता विलास यादव, माँ मंजुला देवी, पत्नी आशा देवी, पुत्र दिव्यांशु के साथ – साथ भाई सुबिन और चार बहनों को रोता- बिलखता छोड़ गया. तिलाठी के आसपास के ग्रामीण बताते है कि संजीव एक होनहार लड़का था जो मुसीबतों से लड़ना जानता था.
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