बिजली पोल व तार बदलने का काम धीमा है. जगह-जगह तार टूटने से हादसे होते रहते हैं, लेकिन इस अोर विभाग सजग नहीं हुआ है.
Advertisement
पैरवी है, तो होगा काम
बिजली पोल व तार बदलने का काम धीमा है. जगह-जगह तार टूटने से हादसे होते रहते हैं, लेकिन इस अोर विभाग सजग नहीं हुआ है. सहरसा : शहरी क्षेत्र में विद्युतीकरण योजना के कार्यान्वयन का मास्टर प्लान पर विभाग के द्वारा अब तक पूरा नहीं किया गया है. राजनीतिक दबाव, पैसे व पैरवी के बल […]
सहरसा : शहरी क्षेत्र में विद्युतीकरण योजना के कार्यान्वयन का मास्टर प्लान पर विभाग के द्वारा अब तक पूरा नहीं किया गया है. राजनीतिक दबाव, पैसे व पैरवी के बल पर विद्युत पोल व तार बदलने की परंपरा आज भी कायम है. उपभोक्ताओं तथा नागरिकों की शिकायतों को बावजूद जर्जर पोल व तार नहीं बदले जा रहे हैं.
शहर के दर्जनों स्थानों पर अभी भी खुले विद्युत तार सड़कों से गुजरे हैं. घनी आबादी वाले मुहल्लों के गली व सड़कों पर बांस-बल्ले के सहारे विद्युत तार दौड़ाये गये हैं, जिससे हादसों की आशंका बनी रहती है. शहर में टोका संस्कृति पर लगाम नहीं लग पा रहा है. विद्युत तार को व्यवस्थित करने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. इसके प्रति विद्युत विभाग के अधिकारी लापरवाह तथा उदासीन बने हुए हैं.
कार्य की गति है काफी धीमी :
दो वर्ष से जिले में यह कार्य चल रहा है. फिर भी मुख्य सड़क के विद्युत पोल व तार बदलने का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है. मुहल्लों में अब भी पुराने तार व पोल से बिजली सप्लाइ हो रही है. विद्युत की आपूर्ति भी कई बार रोकी गयी है, फिर भी अपेक्षाकृत कार्य पूर्ण नहीं हो रही है. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. बटराहा, कृष्णा नगर, नया बाजार के इलाके में कवरयुक्त तार लगाने को लेकर विभाग सिर्फ आश्वासन देने का काम कर रही है.
मास्टर प्लान पर नहीं हुआ काम
विद्युत पोल व तार लगाने के लिए विभाग की ओर से तैयार मास्टर प्लान पर काम नहीं हो रहा है. विद्युत पोल ठेकेदारों के द्वारा मनमाने ढंग से अपनी सुविधानुसार गाड़ दिया जा रहा है और विद्युत तार को झुलाया जा रहा है. ट्रांसफॉर्मर लगाने में भी आपदा प्रबंधन का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. बेतरतीब ढंग से झूलते विद्युत तार, जीर्ण- शीर्ण पोल के कारण प्राय: दुर्घटनाएं होती रहती हैं और इससे सड़क की भूमि का अतिक्रमण भी हो रहा है. शहर के सौंदर्यीकरण की योजना भी बाधित है.
शहर में हो चुके हैं कई हादसे
करंट प्रवाहित तार टूट कर गिरने के कारण कई बार हादसे हो चुके हैं, जिसमें असमय कई लोगों की जान भी जा चुकी है. कई जानवर भी मर चुके हैं. शहर के कुछ खास इलाकों में ही जीर्ण-शीर्ण विद्युत तार व पोल बदले गये हैं. नये पोल के साथ बदले जा रहे विद्युत तार की जगह अब कवरयुक्त तार दौड़ाया जा रहा है, जिसमें दुर्घटनाओं पर भविष्य में काबू पाया जा सकेगा.
आइपीडीएस योजना के तहत कवर तार लगना है. अभी एजेंसी नहीं आयी है. फरवरी तक आने की संभावना है. फिर काम पूरा करा लिया जायेगा. वैसे जहां अत्यधिक जरूरत है, लोग परियोजना कार्यालय को आवेदन दे सकते हैं.
आलोक अमृतांशु, एसडीअो, बिजली विभाग
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement