सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में नहीं है बेहतर व्यवस्था
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अस्पताल में भी यातना झेलने को मजबूर हैं कैदी
सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में नहीं है बेहतर व्यवस्था एक ही कमरे में आमने-सामने कैदी व गार्ड को रहने की है मजबूरी सहरसा : मंडल कारा में बंद कैदियों की सहुलियत व सुरक्षा के दृष्टिकोण से सदर अस्पताल परिसर में बनाया गया कैदी वार्ड बीमार बंदियों के लिए जी का जंजाल बन गया है. […]
एक ही कमरे में आमने-सामने कैदी व गार्ड को रहने की है मजबूरी
सहरसा : मंडल कारा में बंद कैदियों की सहुलियत व सुरक्षा के दृष्टिकोण से सदर अस्पताल परिसर में बनाया गया कैदी वार्ड बीमार बंदियों के लिए जी का जंजाल बन गया है. इसमें बंद मरीजों को बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित कर दिया गया है. कैदी बीमार होने के बाद अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं.
लेकिन कैदी वार्ड में उन्हें शौचालय से लेकर कमरे तक की सफाई स्वयं करनी पड़ती है. कैदी वार्ड में मरीजों के लिए बेड की संख्या भी कम है. एक बेड पर दो-दो मरीजों को रहना पड़ता है. खास बात यह है कि दो अलग-अगल बीमारी से ग्रसित मरीज एक ही बिस्तर पर रहकर संक्रमण को कम करने के बजाय बढ़ावा दे रहे हैं. जिस पर जिला प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है. इस वजह से स्वास्थ्य दुरुस्त करने की मंशा लेकर आने वाले मरीज ज्यादा बीमार होने लगे हैं. कैदी वार्ड में गुरुवार को तीन बेड पर छह कैदी रहकर इलाज करा रहे थे.
बेड मरीज का, सोती है पुलिस:
कैदी वार्ड में भरती मरीजों की सुरक्षा को लेकर चार-एक की पुलिस बल भी तैनात की गयी है. जिनके रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. गार्ड बताते हैं कि मजबूरी में एक ही साथ रहना पड़ता है. सभी गार्ड अपने सुविधानुसार बिस्तर सुरक्षित किये हुए हैं. दूसरी तरफ मरीज बेबस व लाचार बने हुए हैं. मरीजों ने बताया कि परिजनों को भी मिलने में परेशानी होती है.
एक ही कमरे में आमने-सामने है कैदी व गार्ड का बिस्तर.
गंदगी के कारण लाचार हैं मरीज
कैदी वार्ड में भरती अनिल यादव, रविंद्र यादव ने बताया कि वार्ड में सफाई व भोजन की व्यवस्था काफी खराब है. उनलोगों ने कहा कि रोजाना स्वयं ही कमरे व शौचालय की सफाई करनी पड़ती है. जबकि डॉक्टर हमेशा संक्रमण से दूर रहने की सलाह देते हैं. अस्पताल में मरीजों को दिया जाने वाला भोजन खाने के योग्य नहीं है. इसलिए घर से रोजाना डॉक्टर के द्वारा बताये गये भोजन करने की विवशता है.
परिजन देते हैं गरमी में पंखा
अस्पताल के कैदी वार्ड में भरती अभिनंदन ने बताया कि एक तो 12 बिस्तरों के इस वार्ड में दो ही पंखें लटके हैं. लेकिन वह दोनों पंखा भी खराब ही है. घूमता तो है, लेकिन हवा नहीं दे पाता. गरमी में काफी परेशानी हो रही है. इस वजह से परिजनों ने घर से पंखा मुहैया कराया है. सभी कैदी अस्पताल आने पर पंखा की व्यवस्था करते हैं. इस बाबत अस्पताल के कर्मियों को कई बार शिकायत की गयी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
सफाई नियमित होती है. असुविधाओं के संबंध में पहले कभी शिकायत नहीं मिली है. जहां तक कैदी व मरीजों के साथ-साथ रहने की बात है तो शीघ्र ही वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी.
विनय रंजन, प्रबंधक, सदर अस्पताल
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