उदासीनता. बेकार एलइडी की सुधि नहीं लेता है विभाग
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अंधेरे में डूब गयी सड़क
उदासीनता. बेकार एलइडी की सुधि नहीं लेता है विभाग शहरी क्षेत्र में प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त करने के उद्देश्य से लगायी गयी एलइडी योजना बेकार साबित हो रही है. लाखों रुपया खर्च करने के बावजूद मोहल्ले की सड़क शाम होते ही अंधेरे में डूब जाती है. सहरसा नगर : शहर में कहीं कहीं लाइट ही जल […]
शहरी क्षेत्र में प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त करने के उद्देश्य से लगायी गयी एलइडी योजना बेकार साबित हो रही है. लाखों रुपया खर्च करने के बावजूद मोहल्ले की सड़क शाम होते ही अंधेरे में डूब जाती है.
सहरसा नगर : शहर में कहीं कहीं लाइट ही जल रही है. जबकि प्रत्येक वर्ष मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये भी खर्च कर दिये जाते है. नगर परिषद द्वारा निविदा के माध्यम से शहर में एक हजार एलइडी लाइट लगाने की योजना क्रियान्वित की गयी थी. जो गुणवत्ता के अभाव में ढाक के तीन पात साबित हो रही है.
शहर के दर्जनों जगह पर बिजली के खंभे पर लगी लाइट शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. नप द्वारा दो प्रकार के एलइडी की आपूर्ति की गयी थी. जिनकी कीमत आठ हजार व तेरह हजार तय की गयी थी. इसके पूर्व भी नप के मोहल्ले व बाजार में लगाये गये सैकड़ों सोडियम वैपर लाइट तारणहार की बाट देख रहे हैं. जनता के पैसे को लूट संलिप्त लोग मालामाल हो रहे हैं, वहीं लोग अंधेरे में आवागमन को विवश हैं.
रोजाना मिल रही शिकायत:
शहर में लगाये गये एलइडी लाइट की गुणवत्ता इतनी खराब है कि कहीं दो दिनों में तो कई जगहों पर पांच दिनों बाद रौशनी दगा देने लगी. इस वजह से देखते-देखते करोड़ों की सरकारी राशि अंधेरे की भेंट चढ़ गयी है. वार्ड नंबर 9 की पार्षद अनिता देवी कहती है कि एलइडी लाइट हो या पूर्व में लगाये गये सोडियम वैपर लाइट, सभी की गुणवत्ता खराब है. कई जगहों पर लाइट लगाने के बाद नहीं जल रहा है. शिकायत भी की जाती है लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है.
नप द्वारा लगाये गये एलइडी की गुणवत्ता पर उठे सवाल
गुणवत्ता की नहीं होती है जांच
स्थानीय लोग बताते हैं कि शहर में लगाये गये एलइडी लाइट की गुणवत्ता की जांच कागजों पर ही कर ली जाती है. जबकि टेंडर में ब्रांडेड कंपनी द्वारा तैयार उत्पाद की कीमत तय की जाती है. बटराहा के संजीव कहते हैं कि ब्रांडेड लाइट पर खराब होने की स्थिति में कंपनी मरम्मत भी करती है. यहां तो कोई देखने वाला भी नहीं है.
क्या कहते हैं जिम्मेवार
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दिनेश राम बताते हैं कि एलइडी लाइट जहां भी खराब है. कंपनी द्वारा उक्त लाइट को बदलने का प्रावधान है. इसके अलावा कई जगहों पर लाइट खराब होने के दूसरे कारण भी है. नगर परिषद गुणवत्ता को लेकर गंभीर है.
पार्षद भी दायर करेगे याचिका
नगर परिषद में खराब गुणवत्ता वाले एलइडी लाइट लगाने के बाबत उपसभापति रंजना सिंह पूर्व में ही हाइकोर्ट में याचिका दायर करने को लेकर बयान दे चुकी है. दूसरी तरफ नया बाजार की वार्ड पार्षद अनिता देवी ने कहा कि सरकारी राशि का लूट संवेदक के द्वारा किया गया है. इस मामले को हाइकोर्ट में ले जाया जायेगा. उन्होंने कहा कि नगर की जनता को भी नप के अंदर हो रहे भ्रष्टाचार
से अवगत कराया जायेगा.
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