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केंद्र में हो काउंसिलिंग की बेहतर व्यवस्था: आयुक्त
सहरसा सिटी : सरकार द्वारा घोषित शराबबंदी के बाद सदर अस्पताल में नशामुक्ति केन्द्र का उद्घाटन प्रमंडलीय आयुक्त टीएन विंदेश्वरी ने शुक्रवार को फीता काट कर किया. उद्घाटन के बाद उन्होंने वार्ड का जायजा लेकर सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह को आवश्यक दिशा निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शराबबंदी की घोषणा ऐतिहासिक […]
सहरसा सिटी : सरकार द्वारा घोषित शराबबंदी के बाद सदर अस्पताल में नशामुक्ति केन्द्र का उद्घाटन प्रमंडलीय आयुक्त टीएन विंदेश्वरी ने शुक्रवार को फीता काट कर किया. उद्घाटन के बाद उन्होंने वार्ड का जायजा लेकर सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह को आवश्यक दिशा निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शराबबंदी की घोषणा ऐतिहासिक कदम है. सभी के सहयोग से ही इसे सफल बनाया जा सकता है.
आयुक्त ने स्वास्थ्य अधिकारियों से केन्द्र में प्रतिनियुक्त किये गये चिकित्सक व कर्मियों की जानकारी लेते कहा कि नशामुक्ति अभियान को सफल बनाने में काउंसलर की अहम भूमिका है. केन्द्र में काउंसिलिंग की बेहतर व्यवस्था करने का निर्देश दिया.
आयुक्त ने कहा कि कोई भी योजना बिना समाज के सहयोग से सफल नही हो सकती है. उन्होंने लोगों से नशामुक्त समाज के लिए लोगों को आगे आने की अपील की. जिलाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा कि मद्य निषेध कानून लागू होने के बाद नशा छोड़ने वाले या छोड़ देने के बाद होने वाली परेशानियों को उपचार व काउंसलिंग से दूर करने के लिए केंद्र का विधिवत शुभारंभ किया गया है.
रितेश की हुई पहली काउंसिलिंग: उद्घाटन के कुछ देर बाद कायस्थ टोला निवासी रितेश कुमार नशा विमुक्ति केंद्र पहुंच नशा छोड़ने की बात कही. केंद्र के डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि रितेश का काउंसिलिंग कर उन्हें नशा से होने वाली हानि की जानकारी देकर विदा कर दिया गया है.
मालूम हो कि डॉ अरविंद कुमार जो बैंगलोर से प्रशिक्षित है और डॉ मिथिलेश सिंह एवं डॉ अमर फारूक जो पटना में प्रशिक्षण प्राप्त करते है. उन्हें मुक्ति केन्द्र में प्रतिनियुक्त किया गया है. वही कर्मी अरूण कुमार मिश्रा व अजय कुमार झा को काउंसिलिंग की जिम्मेवारी दी गयी है. सीएस ने कहा कि जल्द ही काउंसलर की बहाली की जायेगी.
स्वास्थ्य के साथ आर्थिक नुकसान : शराब पीने से व्यक्ति के स्वास्थ्य के साथ सामाजिक और आर्थिक नुकसान भी होता है. नशे का त्याग करने के लिए प्रबल इच्छा शक्ति का होना जरूरी है. काउंसिलिंग का उद्देश्य वैसे लोगों की काउंसिलिंग करना और उन्हें हर तरह के नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करना है, जो नशे का आदी हो चुके है.
मौके पर आरएडी डॉ शशिभूषण शर्मा, एसीएमओ डॉ सतीश प्रसाद, डीआइओ डॉ संजय कुमार सिंह, उपाधीक्षक डॉ अनिल कुमार, डॉ केके मधुप, डॉ जीपी गुप्ता, डॉ विनय सिंह, उपाधीक्षक डॉ अनिल कुमार, डीपीएम आसीत रंजन, डीएएम मंतोष कमल, प्रबंधक विनय रंजन, बीएमसी प्रसुन कुमार, एएनएम स्कूल के जैंसी थॉमस, शत्रुध्न ठाकुर, पंकज झा, पंकज सिंह सहित दर्जनों प्रशिक्षु एएसएम मौजूद थी.
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