बबीता का चयन 100 कामयाब महिलाओं मेंनारी सशक्तीकरण की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए हुआ चयनफोटो – 17कैप्सन – ग्रामीण महिलाओं के साथ बबीताप्रतिनिधि, सुपौलमहिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में जिले के मध्य विद्यालय सरायगढ़ में पदस्थापित शिक्षिका बबीता कुमारी का चयन किया गया है. विभिन्न क्षेत्रों में 100 कामयाब महिलाओं के चयन के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया था. बबीता का चयन महिला सशक्तीकरण की श्रेणी में किया गया है. घर-गृहस्थी का भार संभालने के बावजूद बबीता ने शिक्षा के क्षेत्र में जो अलख जगाया है, वह निश्चित तौर पर लोगों के लिए अनुकरणीय व प्रेरणादायक है.प्रतियोगिता में चयनित बबीता को 22 जनवरी को राष्ट्रपति भवन के औपचारिक हॉल में आयोजित लंच में आमंत्रित किया गया है. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी चयनित महिलाओं के साथ दिन का भोजन करेंगे. बाल कल्याण मंत्रालय की सीनियर कंसल्टेंट मीनाक्षी राठौर व सलाहकार डाॅ अरविंद राणा द्वारा इस बाबत बबीता को आमंत्रण पत्र जारी किया गया है. देश-विदेश से बबीता को मिले वोटइस प्रतियोगिता में सोशल साइट के जरिये लोगों ने प्रतिभागियों को अपना समर्थन दिया. इसमें भारत के अलावा रूस, इंगलैंड, सउदी अरब, नेपाल आदि के लोग भी शामिल हैं. बबीता ने तमाम समर्थकों का धन्यवाद करते हुए कहा है कि महिला व बालिकाओं का सर्वांगीण विकास उनका मूल लक्ष्य है. नारी सशक्तीकरण के प्रति उनका अभियान आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने अपनी जीत को बिहार व कोसी की तमाम बेटियों की जीत बताया है.अनेक पुरस्कारों से किया जा चुका है सम्मानितशिक्षिका बबीता ने शिक्षा व नारी सशक्तीकरण की दिशा में जारी अभियान के बाबत कई पुरस्कार हासिल किये हैं. 2005 में शिक्षिका बनने के बाद उन्होंने शिक्षा से वंचित बच्चों व असाक्षर महिलाओं को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया. उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2010 में उन्हें शिक्षा दिवस के मौके पर प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह द्वारा सम्मानित किया गया. 29 मार्च, 2011 को पटना के तारामंडल में आद्रि के मंच से तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने उन्हें स्वयं सेवक सम्मान से नवाजा. 2011 में बिहार दिवस के अवसर पर मानव संसाधन विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका ‘सपनों को लगे पंख’ में बबीता को लेखक की भूमिका निभाने का गौरव प्राप्त हुआ. 2012 में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा जारी ‘शतक के साक्षी’ के लिए उन्हें 20 सर्वश्रेष्ठ लेखकीय टीम में शामिल किया गया. 2014 में उन्हें शिक्षा का सर्वोच्च सम्मान मौलाना अबुल कलाम आजाद पुरस्कार से सम्मानित किया गया. नि:श्वार्थ व असाधारण कार्य तथा महिला सशक्तीकरण के लिए 2014 में जिला स्थापना दिवस के अवसर पर उन्हें मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव द्वारा सम्मानित किया गया. बबीता की मानें तो अशिक्षितों को शिक्षित करने व निरक्षरों को साक्षर बनाने तथा गरीब, दलित, शोषित, पीड़ित बच्चाें को शिक्षित करने का यह अभियान निरंतर जारी रहेगा.
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बबीता का चयन 100 कामयाब महिलाओं में
बबीता का चयन 100 कामयाब महिलाओं मेंनारी सशक्तीकरण की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए हुआ चयनफोटो – 17कैप्सन – ग्रामीण महिलाओं के साथ बबीताप्रतिनिधि, सुपौलमहिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में जिले के मध्य विद्यालय सरायगढ़ में पदस्थापित शिक्षिका बबीता कुमारी का चयन किया गया है. विभिन्न क्षेत्रों में […]
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