सहरसा : सदर ए-ग्रेड में शामिल सहरसा जंक्शन को लेकर यात्री सुविधाओं के साथ-साथ रेल के सुविधाओं का भी कई विस्तार कार्य किये गये हैं. 17 मार्च 2013 को समस्तीपुर रेल मंडल के तत्कालीन डीआरएम सत्य प्रकाश त्रिवेदी के प्रयास से सहरसा में रेल द्वारा छह करोड़ 85 लाख की लागत से वाशिंग पिट व बीजी सिक लाइन का उद्घाटन किया गया था.
उद्घाटन के तीन वर्षों के बाद रेल कोच के मेंटेनेंस की सही देखरेख के लिए बीजी कोचिंग सिक लाइन का निर्माण कार्य अब लगभग पूर्ण हो चुका है. इलेक्ट्रिक कार्य व क्रेन लगाने का काम ही सिर्फ बाकी है. फिर भी कोचिंग सिक लाइन में दो वर्ष पूर्व से ही कोच के मेंटेनेंस का कार्य यहां शुरू हो गया था.
16 तकनीशियन हैं नियुक्तअब संसाधन पूर्ण होने के बाद इन दिनों यहां तैनात 16 तकनीशियन व कर्मियों द्वारा सीक लाइन इंचार्ज राजेश कुमार के नेतृत्व में प्रतिदिन कोच का मेंटेनेंस आइइओएच इंटरमीडिएट ओवरवायलिंग का कार्य सुचारू रूप से किया जा रहा है.
कोच मेंटेनेंस से संबंधित कार्य के लिए यहां से कोच को अब अन्य जगह नहीं भेज सहरसा में ही इसका मेंटेनेंस व मरम्मत कार्य किया जा रहा है. कोचिंग इंचार्ज द्वारा बताया गया कि समस्तीपुर डिविजन के सहरसा, दरभंगा, जयनगर व सस्तीपुर तक से सहरसा वाशिंग पिट बीजी कोचिंग सिक लाइन में कोच की वायलिंग के लिए यहां भेजा जाता है.
प्रतिमाह 15 कोच का वायलिंग कर यहां से भेजा जाता है. 110 मीटर लंबा सिक लाइन में 70 मीटर लंबा व 17 मीटर चौड़ा शेड का निर्माण कार्य किया गया है. जिसमें दो सिक लाइन एक साथ छह कोच को प्लेस कर एक साथ मरम्मत का कार्य करने की सुविधा यहां उपलब्ध है.
इओटी क्रेन के लग जाने के बाद सहरसा स्थित वाशिंग पिट में ट्रेन कोच के सफाई के साथ-साथ पूरा मेंटेनेंस कार्य में भी सुविधाओं का इजाफा हो जायेगा. इसके बाद बीजी कोचिंग सिक लाइन में कर्मियों में भी बढ़ोतरी संभव हो जायेगी. ताकि ज्यादा से ज्यादा कोचों का वायलिंग का कार्य यहां पूरा हो सके. अब वाशिंग पिट में ही होती है रेलगाड़ियों की मरम्मत