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बबलू हत्याकांड: कहां छुपा है पड़री का हत्यारोपी मुखिया

बबलू हत्याकांड: कहां छुपा है पड़री का हत्यारोपी मुखिया प्रभात फॉलोअप19 दिसंबर को हुई थी आइटीबीपी जवान की हत्यासात लोगों पर हुई नामजद प्राथमिकीप्रतिनिधि, सहरसा नगरबीते 19 दिसंबर को पड़री पंचायत के हनुमान बाग के समीप जख्मी हालत में मिले आइटीबीपी जवान बबलू खां की पटना ले जाने के क्रम में मौत हो गयी थी. […]

बबलू हत्याकांड: कहां छुपा है पड़री का हत्यारोपी मुखिया प्रभात फॉलोअप19 दिसंबर को हुई थी आइटीबीपी जवान की हत्यासात लोगों पर हुई नामजद प्राथमिकीप्रतिनिधि, सहरसा नगरबीते 19 दिसंबर को पड़री पंचायत के हनुमान बाग के समीप जख्मी हालत में मिले आइटीबीपी जवान बबलू खां की पटना ले जाने के क्रम में मौत हो गयी थी. शव का पोस्टमार्टम के बाद दाह संस्कार भी हो चुका है. इसके बावजूद नामजद अभियुक्त व पड़री पंचायत का हत्यारोपी मुखिया पुलिस की पकड़ से बाहर है, जबकि कांड के सात नामजदों में अभी तक पुलिस ने दो अभियुक्त को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है. बुधवार को कांड के अभियुक्त व मुखिया का भाई अजय खां व अभय खां ने भी कोर्ट में सरेंडर किया है. इसके पूर्व एएसपी मृत्युंजय चौधरी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि आरोपी मुखिया के विरूद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला चलाया जायेगा, जिस पर अभी तक कोई कवायद नहीं की गयी है. —-सहमा है मृतक बबलू का परिवारघर के एकमात्र कमाउ सदस्य की मौत के बाद सदमे में जी रहा बबलू का परिवार पुलिस की सुस्त कार्रवाई से भी सहमा हुआ है. परिजनों ने बताया कि हत्या में प्रयुक्त गाड़ी को लेकर मुखिया ऐसी कौन सी जगह छुपा हुआ है,जिसकी खबर पुलिस को नहीं मिल रही है. उन्होंने बताया कि कोर्ट में सरेंडर करने वाले अभियुक्तों को पुलिस रिमांड पर लेकर मुखिया के नेटवर्क को खंगाल सकती है. —-सुस्त अनुसंधान से नहीं मिलेगा न्यायग्रामीण बताते हैं कि इस प्रकार के जघन्य कार्य को अंजाम देने वाले तत्वों के प्रति पुलिस को कड़ा रुख दिखाना होगा. लोग बताते हैं कि सुस्त अनुसंधान से पीड़ित को न्याय की उम्मीद नहीं रहती है, जबकि आरोपी इस बीच अपने रसूख का उपयोग बचाव में करता रहता है. ग्रामीणों ने कहा कि स्पीडी ट्रायल के जरिये हत्यारोपी को सजा मिलनी चाहिए. —वरीय अधिकारी करे मॉनिटिरिंग बबलू हत्याकांड में जिले के वरीय अधिकारियों की भूमिका अहम होगी. ग्रामीण बताते हैं कि आरोपी मुखिया का स्थानीय थाना पुलिस से पुरानी दोस्ती है, जिससे अनुसंधान प्रभावित हो सकता है. ज्ञात हो कि एसपी द्वारा हत्या के बाद ग्रामीणों की मांग पर नये थानाध्यक्ष को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले के अधिकारियों द्वारा स्वयं निगरानी करने से मामले में निष्पक्ष जांच संभव है.

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