सहरसा : नगरबंगाली बाजार में ओवरब्रिज के बिना बात नहीं बनेगी, यह तो तय है. बावजूद इसे बनाने के जिम्मेवार लोग इसे अनसुनी क्यों कर रहे हैं, यह समझ से परे है. 18 वर्ष से तीन-तीन शिलान्यास को देख चुका यह जगह भी अब सिर्फ शिलान्यास का ही आदि हो चुका है.
यह सारी प्रक्रिया कहीं न कहीं संदेह उत्पन्न करती है कि इसमें या तो किसी का स्वार्थ जुड़ा हुआ है या फिर किसी को लाभान्वित करने की कोशिश के कारण इसके निर्माण में रोड़ा अटकाया जा रहा है. सड़क पर दिनों दिन वाहनों के साथ लोगों की आवाजाही बढ़ती जा रही है.
इसके बावजूद इस जनसमस्या को सुलझाने के बजाय जनप्रतिनिधि व सरकार उदासीन बने हैं. तीन बार शिलान्यास हो जाने के बाद अब जनता भी उब चुकी है. लेकिन राशि का मामला अब भी सुलझ नहीं पाया है. शर्त के अनुसार केंद्र व राज्य के आपसी शेयर के आधार पर बंगाली बाजार में ओवरब्रिज का निर्माण होना है.
राशि उपलब्ध होने के बाद केंद्रीय एजेंसी पुल का निर्माण शुरू करेगी. महाजाम से त्रस्त है जनता अंशु कुमार ने बताया कि सड़क जाम की वजह से कई आवश्यक कार्य बाधित होते हैं. बंगाली बाजार में ओवरब्रिज बनने के बाद ही समाधान संभव है. रंजन कहते हैं कि सड़क जाम की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है.
कुंदन साह कहते हैं कि बाजार में जाम लगने की बड़ी वजह ओवरब्रिज का नहीं बनना ही है. राम कहते हैं कि बंगाली बाजार में ओवरब्रिज बनने से लोगों को राहत मिलेगी. रंधीर कहते हैं कि सड़क जाम को ध्यान में रखते राज्य सरकार को राज्यांश देने में शीघ्रता करनी चाहिए. सुनिए सरकारप्रभात खबर द्वारा शहर में ओवरब्रिज की मांग को लेकर आप पाठकों के सहयोग से बीते चार वर्षों में कई निर्णायक लड़ाई लड़ी गयी है.
जिसका परिणाम है कि अब निर्माण का अड़ंगा समाप्त होने लगा है. अब जरूरत है हम, आप व राज्य सरकार के सजग होने की. सड़क जाम से जुड़े अनुभव व तस्वीर हमसे साझा करे.