पहली बार ट्रेन लेकर महिला चालक पहुंची सहरसाप्रभात खास (फ्रंट के लिए)अब बिहार में बेटियां भी दौड़ाने लगी रेलसमस्तीपुर रेल मंडल में पहली बार महिला सहायक चालक बहाल तीन महिला चालकों की हुई प्रतिनियुक्ति शनिवार देर रात समस्तीपुर से सवारी ट्रेन लेकर सहरसा पहुंची चंदू कुमारी व गीता अभय कुमार मनोज / सहरसा कभी बेटियों का जन्म लेना समाज में अभिशाप समझा जाता था. आज बदलते परिवेश व माहौल के बीच उस कथ्य को बिहार की तीन बेटियों ने गलत साबित कर दिया है. बिहार से बाहर ट्रेन चालक के रूप में कई बेटियों ने पहले भी कामयाबी हासिल कर देश व दुनिया को बेटे व बेटियों के फर्क को मिटाने का जज्बा दिखाया है. उन्हीं लड़कियों को प्रेरणा श्रोत मानने वाली बिहार की बेटी अब राज्य में भी ट्रेन को चलाने का जज्बा दिखा रही हैं. समस्तीपुर रेल मंडल में पहली बार सहायक लोको पायलट के रूप में बिहार के अलग-अलग तीन जिले की रहने वाली महिला चालकों की पदस्थापना हुई है. महिला को ट्रेन चलाते देख हर किसी की नजर उस ओर जा टिकती है. शनिवार देर रात पहली बार समस्तीपुर से 55554 सवारी गाड़ी को लेकर सहायक चालक चंदू कुमारी, चालक शिव कुमार झा के साथ रात 11.30 बजे सहरसा स्टेशन पहुंची. रविवार सुबह 7.30 बजे पुन: 55533 सहरसा-समस्तीपुर पैसेंजर ट्रेन को लेकर सहायक चालक चंदू समस्तीपुर के लिए रवाना हुई. समस्तीपुर जिले के पूसा की रहने वाली चंदू ने मैट्रिक व आइटीआइ की शिक्षा ग्रहण करने के बाद अन्य महिला ट्रेन चालकों से प्रेरणा लेकर ट्रेन चलाने सपना संजोया था. उस सपने की बदौलत वे आज इस मुकाम तक पहुंची हैं. इनके साथ सहायक चालक के रूप में प्रशिक्षण ले रही औरंगाबाद निवासी गीता भी पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा है. एक अन्य महिला सहायक चालक बेगूसराय जिले की माया आनंद भी पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा करने के बाद आज उस कहावत को चरितार्थ करने में लगी है कि बेटी किसी भी क्षेत्र में आज पीछे नहीं है. रविवार की सुबह महिला चालक चंदू जैसे ही ट्रेन की इंजन पर सवार हुई और ट्रेन प्रस्थान करने से पूर्व हाथों में लैंप की हरी रोशनी से लाइन क्लियर दिया. स्टेशन पर मौजूद कई यात्री पहली बार महिला चालक को ट्रेन के इंजन पर सवार देख आश्चर्यचकित हो कर उन्हें देखने लगे. चीफ लोको इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि समस्तीपुर रेल मंडल में महिला चालक की पहली बार प्रतिनियुक्ति हुई है. इसको लेकर सहरसा रनिंग रूम में अलग से आवासन की व्यवस्था की गयी है. आवासन रूम के साथ ही शौचालय की सुविधा का ख्याल भी रखा गया है. जयनगर रनिंग रूम में भी सहायक महिला चालक के लिए इसी तरह के आवासन की व्यवस्था रेल मंडल के अधिकारी के निर्देश पर की गयी है. फोटो – ट्रेन 8 – ट्रेन चला कर सहरसा पहुंची सहायक चालक चंदूफोटो- ट्रेन 9 – गार्ड से लाइन क्लियर का सिग्नल लेती महिला चालक
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पहली बार ट्रेन लेकर महिला चालक पहुंची सहरसा
पहली बार ट्रेन लेकर महिला चालक पहुंची सहरसाप्रभात खास (फ्रंट के लिए)अब बिहार में बेटियां भी दौड़ाने लगी रेलसमस्तीपुर रेल मंडल में पहली बार महिला सहायक चालक बहाल तीन महिला चालकों की हुई प्रतिनियुक्ति शनिवार देर रात समस्तीपुर से सवारी ट्रेन लेकर सहरसा पहुंची चंदू कुमारी व गीता अभय कुमार मनोज / सहरसा कभी बेटियों […]
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