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हर पार्टी का बड़ा नेता टिकट के फेर में

सहरसा कइयों के दावे सामने आ रहे सहरसा विधासभा सीट पर पिछले चुनाव में भाजपा के डॉ आलोक रंजन को काबयाबी मिली थी. उन्होंने राजद के अरुण यादव को वोटों के बड़े अंतर से हराया था. सीटिंग एमएलए होने के आधार पर गंठबंधन में उनका टिकट करीब-करीब पक्का माना जा रहा है. पार्टी में भी […]

सहरसा

कइयों के दावे सामने आ रहे

सहरसा विधासभा सीट पर पिछले चुनाव में भाजपा के डॉ आलोक रंजन को काबयाबी मिली थी. उन्होंने राजद के अरुण यादव को वोटों के बड़े अंतर से हराया था. सीटिंग एमएलए होने के आधार पर गंठबंधन में उनका टिकट करीब-करीब पक्का माना जा रहा है. पार्टी में भी इसे लेकर द्वंद्व नहीं है. वहीं महागंठबंधन में इस सीट पर राजद के अलावा जदयू और कांग्रेस की भी नजर है.

राजद ने लोकसभा चुनाव में भी यहां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था. देश भर में भाजपा की लहर होने के बाद भी उसने इस सीट पर उसे दूसरे स्थान पर रोक दिया था. लोकसभा चुनाव में जदयू वोटों के बड़े अंतर के साथ तीसरे स्थान पर रहा था. कांग्रेस की दावेदारी को पिछले विधानसभा चुनाव में उसके प्रदर्शन के आधार पर कमजोर आंका जा रहा है. तब उसकी जमानत जब्त हो गयी थी. विधान परिषद के चुनाव में यह सीट कांग्रेस को मिली थी.

इन दिनों

राजद-जदयू अपने-अपने हिसाब से तैयारी कर रहे हैं. जदयू का दस्तक कार्यक्रम चल रहा है. भाजपा का परिवर्तन रथ गांव-गांव घूम रहा है. अन्य दल भी स्थानीय स्तर पर अपना कार्यक्रम कर रहे हैं.

मुद्दे

बंगाली बाजार में ओवरब्रिज का निर्माण

एम्स की स्थापना

गिरती कानून व्यवस्था में सुधार

बिजली और पानी की समस्या का निराकरण.

सिमरी बख्तियारपुर

गंठबंधन में रिश्ते भी बदले

सिमरी बख्तियारपुर सीट खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है, लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से यह सहरसा जिले में आता है. फिलवक्त इस क्षेत्र से जदयू के डॉ अरुण कुमार विधायक हैं. विगत चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार व वर्तमान सांसद चौधरी महबूब अली कैसर को हराया था.

उस समय जदयू का भाजपा के साथ गंठबंधन था. वहीं कांग्रेस ने राजद व जदयू के समर्थन से चुनाव में भाग्य आजमाया था. वर्तमान गंठबंधन की राजनीति में क्षेत्र का समीकरण बदला-बदला नजर आ रहा है. जदयू अपनी सीटिंग सीट को बचाने के लिए राजद व कांग्रेस के साथ दिखेगी. वहीं भाजपा, लोजपा सहित रालोसपा समझौते के बाद उम्मीदवार उतारेगी. फिलवक्त सभी दलों में उम्मीदवार की संख्या दर्जनों में है. सीट के बंटवारे तक तसवीर अस्पष्ट है.

इन दिनों

भाजपा का परिवर्तन रथ पार्टी के संदेश को गांव-गांव पहुंचा रहा है. जदयू का हर घर दस्तक कार्यक्रम पूरा हो गया है. स्वाभिमान महारैली की तैयारी जारी है.

मुद्दा

अनुमंडल का दर्जा

जजर्र सड़क व पुल-पुलिया

कटाव से विस्थापित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था

कानून व्यवस्था.

सोनवर्षा (सु)

सीट झटकने में ताकत झोंकी

सोनवर्षा इस जिले की एकमात्र सुरक्षित सीट है. लिहाजा यहां सभी दलों में संभावित उम्मीदवारों की संख्या सबसे ज्यादा है. 2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू के रत्नेश सादा ने लोजपा की सरिता देवी (पासवान) को आसानी से शिकस्त दी थी. लोकसभा चुनाव में शरद यादव जदयू के उम्मीदवार थे और इस विधानसभा क्षेत्र से सबसे अधिक मत मिले थे. सीटिंग होने आधार पर जदयू अपनी सीट और अपना प्रत्याशी बनाये रख सकता है.

वहीं, लोजपा भी पुरानी प्रत्याशी पर दावं खेल सकती है. हालांकि उसका मत प्रतिशत काफी कम रहा था. भाजपा व रालोसपा की भी इस सीट पर नजर है. एनडीए में यह सीट घटक दल को मिलती है, इस पर सब की नजर है. अलबत्ता सीट झटकने में दलों ने भी ताकत झोंक दी है.

इन दिनों

महागंठबंधन कार्यकर्ता स्वाभिमान रैली की तैयारी कर रहा है. भाजपा का परिवर्तन रथ गांव-गांव घूम रहा है.

मुद्दे

गांवों तक पक्की सड़क

क्षेत्र एनएच व एसएच की जीर्णोद्धार

कुसहा त्रसदी के पीड़ितों का पुनरवास

कानून व्यवस्था

सिंचाई की सुविधा.

महिषी

टिकट पाने में बहा रहे पसीना

महिषी विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा कोसी नदी से घिरा हुआ है. जजर्र सड़क व पेयजल की समस्या विकराल है. वर्तमान में राजद के डॉ अब्दुल गफूर यहां के विधायक है.

पिछले चुनाव में उन्होंने जदयू के राजकुमार साह को मात दी थी. लोकसभा चुनाव में भी यहां राजद पहले और जदयू दूसरे स्थान पर रहा था, जबकि भाजपा मतों के बड़े अंतर से तीसरे स्थान पर रही थी. इस बार राजद और जदयू साथ-साथ होंगे. उन्हें कांग्रेस का भी समर्थन मिलेगा. लिहाजा यहां महागंठबंधन की स्थिति ज्यादा मजबूत मानी जा रही है, लेकिन सीट को लेकर संभावित प्रत्याशियों में मारामारी है. उधर, एनडीए में भी इस सीट को लेकर फिलहाल बहस का दौर चल रहा है. इस बीच सभी दलों के संभावित प्रत्याशी टिकट को लेकर पसीना बहा रहे हैं.

इन दिनों

भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन पूरा करने के बाद परिवर्तन रथ के जरिये जनसंपर्क में लगी है. महागंठबंधन अभी स्वाभिमान रैली की तैयारी में व्यस्त है.

मुद्दे

सड़क व पुल-पुलिया का निर्माण

प्राथमिक शिक्षा में सुधार

बाढ़ से बचाव

बाढ़ प्रभावितों का पुनरवास

स्वास्थ्य सेवा का विस्तार.

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