सहरसा: बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का दावा भले ही सरकार कर ले. लेकिन धरातल पर शिक्षा व्यवस्था चौपट होती नजर आ रही है. मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित प्राथमिक विद्यालय रेलवे कॉलोनी पश्चिमी की प्रधानाध्यापिका की मनमानी के कारण तीन घंटे विलंब से खुला. बंद की सूचना पर बीआरसी विजय कुमार व सीआरसी राजेश कुमार विद्यालय पहुंच मामले की जांच की.
तीन घंटा करना पड़ा इंतजार
विद्यालय के तीन सहायक शिक्षक मेधा कुमारी, सीमा कुमारी, अनिल मिश्र व रसोइया झालो देवी, रिंकू देवी व बच्चे विद्यालय खुलने के समय पर विद्यालय पहुंच गये. लेकिन प्रधानाध्यापिका मधुलता कुमारी के समय पर विद्यालय नहीं पहुंचने से सहायक शिक्षकों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ा. दो घंटे के इंतजार के बाद शिक्षकों ने विद्यालय बंद रहने की सूचना विद्यालय की अध्यक्षा सह उपसभापति रंजना सिंह को दी. इसी बीच प्रधानाध्यापिका को भी किसी ने जांच टीम आने की जानकारी दी. तीन घंटे के बाद वह विद्यालय पहुंचीं. सूचना मिलने पर उपसभापति श्रीमती सिंह ने इसकी सूचना प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दी. जिसके बाद बीआरसी व सीआरसी विद्यालय पहुंच मामले की जांच की. विद्यालय पहुंचे बीआरसी विजय कुमार ने शिक्षकों व प्रधानाध्यापिका से अलग-अलग बात करने के बाद मीडिया को जानकारी देते कहा कि शिक्षकों ने प्रधानाध्यापिका पर मरजी से स्कूल खोलने का आरोप लगाया है. बीइओ के निर्देश पर जांच की गयी है. विद्यालय में 261 बच्चे नामांकित है. लेकिन एक भी बच्च उपस्थित नहीं है. शिक्षकों ने विद्यालय बंद होने के कारण बच्चों के लौटने की बात कही.
चला आरोप-प्रत्यारोप
विद्यालय बंद होने, बच्चों के वापस जाने की सूचना पर पदाधिकारी व मीडिया को खबर मिलने पर विद्यालय पहुंची प्रधानाध्यापिका व शिक्षकों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चला.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बाबत बीइओ सुरेश चंद रजक ने बताया कि जांच टीम द्वारा रिपोर्ट समर्पित नहीं की गयी है. रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी.