सहरसा सदर: भूकंप में लोगों ने कुछ ही मिनट में भूकंप के जलजले को महसूस कर लिया. एक मिनट में लोगों की सांसें रूक सी गयी. भूकंप की तीव्रता से घर की दीवार व जमीन को कांपते देख लोग सहम उठे. दिन का समय होने के कारण अपने दिनचर्या में लगे लोगों को जब भूकंप का एहसास हुआ तो लोग अपने घर से बाहर निकल कंपकंपाती धरती को रूकती हुई सांसों के आगे महसूस कर रहे थे. घर के बुजुर्ग, महिलाएं बच्चे इस भूकंप की तीव्रता के आगे सहम उठे. लोगों को लगा कि यह भूकंप उनके लिए तबाही का मंजर लेकर आया है. बिजली के खंभे को हिलते देख सड़क पर चलते राहगीर भी कुछ क्षण के लिए भूकंप के झटके को महसूस कर ठहर गये.
अस्पताल से बाहर भागे मरीज. भूकंप के झटके ने जहां लोगों में डर व भय का माहौल व्याप्त कर दिया. वहीं भूकंप की झटके को भांप कई सरकारी व प्राइवेट क्लिनिक में उस समय इलाज करा रहे मरीज अपनी जान को जोखिम में देख अस्पताल से बाहर निकल सड़कों पर भाग आये. स्थानीय गंगजला स्थित पीके मल्लिक के निजी नर्सिग होम में उस दौरान चिकित्सक को दिखा रहे कई मरीज व अस्पताल में भरती मरीजों में भी अफरातफरी मच गयी. भूकंप की एहसास व शोर होते ही सभी अपने जान को बचाने के लिए अस्पताल के बाहर आ गये.
डीएम भी भागे कार्यालय से बाहर
शनिवार को कार्यालय अवधि के दौरान आये भूकंप ने क्या अधिकारी व क्या कर्मी, सभी को अपनी जान को जोखिम में देख भागते देखा गया. स्थानीय समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय वेश्म में डीएम शशिभूषण कुमार, सदर एसडीओ राजेश कुमार सिंह सहित कुछ अधिकारियों के साथ विभागीय बैठक में व्यस्त थे. उसी दौरान भूकंप के झटके की एहसास को भांप डीएम सहित सभी अधिकारी अपनी जान बचाने के लिए कार्यालय से बाहर निकल मैदान में आ गये. उनके पीछे उस वक्त कार्यालय में मौजूद कर्मी व सुरक्षा कर्मी भी भूकंप की शोर को सुन वे भी अधिकारियों के पीछे-पीछे डीएम कार्यालय के बाहर पूरब के मैदान में दौड़कर भागे. भूकंप के पहले झटके के शांत होने के बाद जब डीएम व अधिकारी पुन: अपने कार्यालय वेश्म में गये तो दूसरी बार 12 बज कर 19 मिनट पर दुबारा झटका को फिर महसूस करने के बाद डीएम सहित सभी अधिकारी कार्यालय वेश्म से बाहर दौड़ पड़े.