जबकि शहर की सड़कों पर कब्जा हटाने के लिए नगर परिषद कोर्ट का आदेश दिखा कार्रवाई करती है. स्थानीय लोगों के बीच इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि आखिर कौन लोग हैं जिनका प्रभाव नप के नियमों की धज्ज्जियां उड़ा रहा है.
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अच्छा नहीं लगता नप परिसर में अतिक्रमण
सहरसा नगर: शहरी क्षेत्र की सड़कों पर फैले अतिक्रमण को हटाने में सक्रिय नगर परिषद अपने परिसर को बचाने में लाचार बनी हुई है. अतिक्रमणकारियों का दबदबा नप कार्यालय में इस कदर हावी है कि नप की दीवार को तोड़ ग्रिल लगा आवाजाही की जाती है. नप अधिकारियों के नजर के सामने हो रहे अतिक्रमण […]
सहरसा नगर: शहरी क्षेत्र की सड़कों पर फैले अतिक्रमण को हटाने में सक्रिय नगर परिषद अपने परिसर को बचाने में लाचार बनी हुई है. अतिक्रमणकारियों का दबदबा नप कार्यालय में इस कदर हावी है कि नप की दीवार को तोड़ ग्रिल लगा आवाजाही की जाती है. नप अधिकारियों के नजर के सामने हो रहे अतिक्रमण व अवैध आवाजाही को रोकने के बजाय बढ़ावा दिया जा रहा है.
गाड़ी भी होती है पार्क
नप की दीवार में ग्रिल लगाने के बाद नप की खाली जमीन का उपयोग उक्त लोगों द्वारा पार्किग के रूप में किया जाता है. जबकि नप की गाड़िया बाहर में खड़ी रहने के कारण खुले में सड़ रही है. खास बात यह है कि कार्यदिवस के दिनों के अलावे रात के अंधेरे में भी नप के मुख्य द्वार को निजी गाड़ियों के अवैध प्रवेश के लिए खोला जाता है.
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