सहरसा : शहर के प्रख्यात सर्जन 58 वर्षीय डॉ अनिल पाठक का निधन शुक्रवार को इलाज के क्रम में पटना जाने के दौरान दरभंगा के समीप हो गया. इनके निधन से स्वास्थ्य क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. मूल रूप से भागलपुर जिले के रहने वाले स्व पाठक के पिता गिरिजाशंकर पाठक समाहरणालय में पदस्थापित थे. सहरसा में ही प्राथमिक शिक्षा ग्रहण कर उन्होंने एमबीबीएस तक का सफर तय किया.
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नहीं रहे प्रख्यात सर्जन डॉ अनिल पाठक
सहरसा : शहर के प्रख्यात सर्जन 58 वर्षीय डॉ अनिल पाठक का निधन शुक्रवार को इलाज के क्रम में पटना जाने के दौरान दरभंगा के समीप हो गया. इनके निधन से स्वास्थ्य क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. मूल रूप से भागलपुर जिले के रहने वाले स्व पाठक के पिता गिरिजाशंकर पाठक समाहरणालय में पदस्थापित […]
चार भाइयों में सबसे बड़े स्व पाठक ने 1988 में नरपतगंज में चिकित्सक के रूप में अपना योगदान दिया. जिसके बाद सदर प्रखंड सहरसा, सदर प्रखंड बक्सर, पीएचसी महिषी व सदर अस्पताल में अपनी सेवा देकर बीते वर्ष के अप्रैल माह में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले कर निजी प्रैक्टिस में लग गये. मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह घर में ही सांस लेने में परेशानी होने लगी.
कुछ डॉक्टरों ने उनके घर पहुंच इलाज किया. हालात में सुधार भी हुआ. लेकिन कुछ देर बाद पुन: उनकी स्थिति बिगड़ने लगी. आनन-फानन में नया बाजार स्थित एक निजी क्लिनिक के आइसीयू में भरती कराया गया. जहां स्थिति बिगड़ती ही चली गयी.
शुक्रवार को उन्हें एंबुलेंस से पटना ले जाया जा रहा था कि दरभंगा के समीप उन्होंने अंतिम सांस ली. स्व पाठक अपने पीछे माता, पिता, पत्नी, दो भाई, दो पुत्री व एक पुत्र सहित भरापूरा परिवार छोड़ कर चले गये. मौत की सूचना मिलते ही पिता, माता सरला देवी, पत्नी अंजना पाठक, भाई आशीष पाठक, गुटन पाठक, पुत्र गोलू सहित पुत्रियों का रो रो कर बुरा हाल था.
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