17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लोस चुनाव से पूर्व एक बार फिर लगा बंगाली बाजार ओवरब्रिज का तड़का

सहरसा : लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बजने ही वाली है. आचार संहिता की घोषणा होने ही वाली है. ऐसे में एक बार फिर लोगों को बंगाली बाजार में ओवरब्रिज का तड़का लगाने जाने का प्रयास किया जा रहा है. बीते 28 फरवरी को मधेपुरा में केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा […]

सहरसा : लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बजने ही वाली है. आचार संहिता की घोषणा होने ही वाली है. ऐसे में एक बार फिर लोगों को बंगाली बाजार में ओवरब्रिज का तड़का लगाने जाने का प्रयास किया जा रहा है. बीते 28 फरवरी को मधेपुरा में केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा सहरसा ओवरब्रिज के लिए 70 लाख रुपये देने की घोषणा के बाद मामले में एक बार फिर सुगबुगाहट शुरू हो गयी है.
चूंकि 1997 से अब तक इस ओवरब्रिज के नाम पर इतनी ठगी हुई है कि लोगों को एक बार फिर यह चुनावी चाल ही लग रही है. लेकिन कोई काम नहीं हुआ. रेलवे, एनएचएआइ के बाद बंगाली बाजार के आरओबी का गेंद अब बिहार सरकार के पाले में आता और खेलता दिख रहा है.
एनएच से आरसीडी में हुआ ट्रांसफर: बंगाली बाजार की सड़क कुछ महीने पूर्व तक नेशनल हाइवे 107 के अधीन थी. लिहाजा इस पर आरओबी के निर्माण की जिम्मेवारी एनएचएआइ की बनी. लेकिन कतिपय कारणों से यह उलझा रहा. कभी टेंडर निकालने की बात तो कभी नये सिरे से चौथे शिलान्यास की बात होती रही.
साल 2018 में पांच बार टेंडर भी निकले. लेकिन किसी टेंडर में किसी भी निर्माण कंपनी ने हिस्सा नहीं लिया. क्षेत्रीय सांसद ने भी शिलान्यास की अलग-अलग पांच तिथियों की घोषणा की. लेकिन हर बार वे भी सिर्फ तिथि आगे बढ़ाते रहे. इसी बीच बंगाली बाजार की इस सड़क को एक बार फिर नेशनल हाइवे से आरसीडी में स्थानांतरित कर दिया गया और आरओबी से संबंधित पुराने सारी फाइलें स्वत: बंद हो गयीं.
नहीं भेजी जा सकी है उपयोगिता: लगभग चार माह पूर्व राज्य सरकार ने पथ निर्माण विभाग ने विभागीय अधिकारी से शहर के लिए ओवरब्रिज का प्रस्ताव मांगा था. विभाग ने बंगाली बाजार स्थित रेलवे क्रॉसिंग सहित शिवपुरी ढाला, सर्वा ढाला एवं पूरब बाजार स्थित मधेपुरा ढाला पर ओवरब्रिज का प्रस्ताव भेजा था. लेकिन प्रस्ताव की यह फाइल भी लंबे समय से विभाग में धूल फांकती रही.
अभी हाल में विभाग ने आरसीडी एवं पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता को संयुक्त रूप से फिजीविलिटी रिपोर्ट (उपयोगिता) भेजने को कहा है. लेकिन आरसीडी के कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार के गंभीर रूप से बीमार होने के कारण उपयोगिता नहीं भेजा सका है. बता दें कि साल 2012 में बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग ने ही बंगाली बाजार के आरओबी के प्रस्ताव को रद्द एवं सर्वा ढाला में बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था.
यह सब हास्यास्पद इसलिए भी लग रहा है क्योंकि साल 2013 में तत्कालीन डीएम मिसबाह बारी ने भी सरकार को बंगाली बाजार में आरओबी बनाने का प्रस्ताव भेजा था. उसके बाद प्रभारी डीएम सतीश चंद्र झा ने एनओसी तक दे दिया था. लेकिन काम शुरू नहीं हो सका.
2014 में हो गयी थी मिट्टी जांच भी
साल 2014 में पिछले लोकसभा चुनाव का आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले इसी तरह बंगाली बाजार में बनने वाले इस आरओबी का तीसरा शिलान्यास हुआ था. तत्कालीन सांसद शरद यादव की पहल पर उस समय रहे रेल राज्यमंत्री अधीर रंजन चौधरी ने समारोहपूर्वक शिलान्यास किया था.
80 करोड़ रुपये के प्राक्कलित राशि में से पहले चरण में मिट्टी जांच के लिए रेलवे ने दस लाख रुपये निर्गत भी किये थे. शिलान्यास के साथ मिट्टी जांच की प्रक्रिया शुरू भी हुई.
प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट भी आयी. लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका. दहलान चौक, शंकर चौक से लेकर पूरब बाजार तक सर्वे करने वाले अभियंता भी चले गये और जगह-जगह से जांच के लिए मिट्टी निकालने वाली मशीन भी वापस चली गयी. लोग देखते ही रह गये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें