एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक ने सभी एसपी को भेजा पत्र
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पांच हत्या व 28 दंगे का गवाह बना जिला
एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक ने सभी एसपी को भेजा पत्र सहरसा : सदर थाना क्षेत्र में सेंधमारी व वाहन चोरी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. औसतन प्रतिदिन वाहन की तो चोरी हो ही रही है. सेंधमारी भी रूकने का नाम नहीं ले रहा है. जिले के मई माह के अपराध आंकड़ा पर गौर […]
सहरसा : सदर थाना क्षेत्र में सेंधमारी व वाहन चोरी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. औसतन प्रतिदिन वाहन की तो चोरी हो ही रही है. सेंधमारी भी रूकने का नाम नहीं ले रहा है. जिले के मई माह के अपराध आंकड़ा पर गौर करे तो सदर थाना में एक लूट, छह सेंधमारी, 13 वाहन चोरी, तीन अन्य चोरी, आठ सामान्य दंगा, तीन सामान्य अपहरण का मामला दर्ज हुआ है. वही बनगांव थाना में छह सामान्य दंगा व दो अपहरण, महिषी में एक हत्या, एक वाहन चोरी, तीन सामान्य दंगा, एक बालात्कार, एक अपहरण, नवहट्टा थाना में दो सामान्य दंगा, एक अपहरण, एससी एसटी एक्ट में दो, बिहरा थाना में तीन सामान्य दंगा, सौरबाजार थाना में एक लूट,
एक उद्यापन, दो अन्य चोरी, चार सामान्य दंगा, दो दहेज मृत्यु, छह सामान्य अपहरण, एक एससी एसटी एक्ट, बख्तियारपुर थाना में एक हत्या, दो लूट, एक वाहन चोरी, तीन अन्य चोरी, एक दहेज मृत्यु, एक सामान्य अपहरण, तीन एससी एसटी एक्ट, सलखुआ थाना में तीन हत्या, एक डकैती, एक वाहन चोरी, एक सामान्य दंगा, एक एससी एसटी एक्ट, सोनवर्षा राज थाना में दो सामान्य अपहरण, एक एससी एसटी एक्ट, बसनही थाना में एक वाहन चोरी, एक सामान्य दंगा, एक एससी एसटी एक्ट, महिला थाना में एक दुष्कर्म, एससीएसटी थाना में चार एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
थानाध्यक्ष के कार्यों का होगा विश्लेषण : अपराध अनुसंधान विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक ने आंकड़ा पर नाराजगी जताते कहा कि संबंधित थाना के थानाध्यक्षों के कार्यों का गहन विश्लेषण करने व पुलिस अधीक्षक को अप्रत्याशित वृद्वि का समीक्षा करने व शिथिलता व लापरवही की स्थिति में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि सदर थाना में दर्ज सेंधमारी शीर्ष में सौ प्रतिशत का योगदान है. सलखुआ में दर्ज हत्या के तीन मामले हत्या शीर्ष में 60 प्रतिशत है.
सिमी संगठन पर नजर रखने का निर्देश
एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक ने सभी एसपी को पत्र भेज कर स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया पर नजर रखने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में सिमी को पांच वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया गया था. प्रतिबंधित समय में यदि सरकार सिमी की गतिविधियों के विधि विरुद्ध जारी हो पाती है तो पुन: प्रतिबंध लगाया जा सकता है. जिसके लिए उसपर नजर रखना आवश्यक है. जिसके बाद कोसी प्रक्षेत्र के डीआइजी ने सभी एसपी को पत्र लिख कर कार्रवाई का निर्देश दिया है.
सिमरी. अपराध नियंत्रण के कारगार उपाय से अपराध में कमी के साथ पुलिसिया छवि सुधरती है तो जनता का सहयोग और विश्वास पुलिस पर बढ़ता है. उक्त बातें डीआईजी सुरेश प्रसाद चौधरी ने गुरुवार को बख्तियारपुर थाना में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान कही. डीआिजी ने प्रभारी एसडीपीओ गणपति ठाकुर से अनुमंडल क्षेत्र के सभी थानों के बारे में वस्तुस्थिति की विस्तृत जानकारी ली. उन्होंने सभी लंबित कांडों में तेजी लाने के साथ दो टूक में पुलिस पदाधिकारियों को कहा कि इलाके में क्राइम बर्दाश्त नहीं होगा. फरियादियों की शिकायत पर संजीदगी से कार्रवाई अनिवार्य है. गश्ती व शराबबंदी में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. सांप्रदायिक सौहार्द, अपराध नियंत्रण, सड़क जाम की समस्या, साइबर क्राइम, शराब बंदी, अवैध बालू उठाव, आर्थिक अपराध, भूमि-विवाद, जनता दरबार, अधिकारियों के कार्यों का मूल्यांकन, प्रशासनिक अधिकारियों से समन्वय, अवैध धंधा पर नकेल, नशे में वाहन चलाना, बिना नंबर की चलने वाले वाहन, छोटी-बड़ी वाहन चेकिंग डीआईजी के मुख्य एजेंडों में शामिल रहा. डीआईजी ने कहा कि अपराध नियंत्रण पुलिस की पहली प्राथमिकता में शामिल है, साथ ही सामाजिक सरोकार से जुड़ी चीजो में भी पुलिस को बढ़-चढ़ कर भगीदारी करनी चाहिये. इस मौके पर सिमरी बख्तियारपुर पुलिस सर्किल क्षेत्र के इंस्पेक्टर सत्यनारायण राय, सिमरी थानाध्यक्ष रणवीर कुमार, अनि अनिल कुमार, अनि मो निजामुद्दीन, अनि रविंद्र हरिजन, सअनि दिनेश राय, सअनि केडी राम सहित अन्य पुलिस बल मौजूद थे.
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