सहरसा : जिले में चुनाव पूर्व राजनीतिक दल व प्रत्याशियों द्वारा जनता से किये गये वादों को पूरा करने का समय आने वाला है. 16 मई को क्षेत्र के सांसद व सरकार की घोषणा भी हो जायेगी. अब देखना लाजिमी होगा कि चुनाव में घोषणा करने वाले नेताजी बदहाल हो चुके बस पड़ाव की स्थिति में कब तक बदलाव ला पाते है.
नगर परिषद क्षेत्र में जजर्र बस स्टैंड के अलावा शहर के बाहरी क्षेत्र में कहीं भी बस पड़ाव का निर्माण नहीं होना लोगों को खटकने लगा है. सड़कों के किनारे अपने गंतव्य तक जाने के लिए बस का इंतजार करने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
मालूम हो कि सरकारी संस्थानों व निजी कंपनियों में कार्य करने वाले कर्मियों को रोजाना शहर के विभिन्न क्षेत्रों में खड़े होकर बस का इंतजार करना होता है. ऐसे में उक्त जगहों पर बस पड़ाव नहीं होने से दुकान या नहीं तो धूप में ही खड़े रहने की मजबूरी बनी रहती है. रोजाना स्थानीय गंगजला चौक, शंकर चौक, मसोमात पोखर, पंचवटी चौक, तिवारी टोला के समीप सड़क किनारे कहीं भी बस को रोका तो जाता है, लेकिन नगर परिषद द्वारा यात्री सुविधा का ख्याल नहीं रखा जाता है. वहीं महावीर चौक व रिफ्यूजी चौक पर रोजाना सुपौल के लिए जाने वाले यात्रियों की भीड़ लगी रहती है.
बढ़ा है शहरी क्षेत्र का दायरा
पूर्व की अपेक्षा शहरी क्षेत्र का काफी विस्तार हुआ है, लेकिन परिवहन के मामले में यात्रियों की सुविधा में कोई इजाफा नहीं हुआ है. मालूम हो कि खासकर महिला यात्रियों को सड़क किनारे खड़े होकर बस का इंतजार करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा मैक्सी स्टैंड रिफ्यूजी कॉलोनी सहित शहर के तिवारी टोला, पंचवटी चौक, कुंवर सिंह चौक पर मिनी बस पड़ाव की जरूरत है. रिफ्यूजी चौक से खुलने वाली बसों से नगर परिषद टैक्स की वसूली तो करती है, लेकिन स्टैंड के नाम पर वाहन चालकों व यात्रियों को मूलभूत सुविधा देने में नाकाम साबित हो रही है.
छात्राओं को ज्यादा परेशानी
दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्र से शहर स्थित विभिन्न स्कूल व कॉलेज आने वाली लड़कियों को भी परेशानी उठानी पड़ती है. वीर कुंवर सिंह चौक, गंगजला चौक पर बस के इंतजार में लड़कियों को देर तक खड़ा रहना पड़ता है. सुविधाओं पर तो किसी का ध्यान ही नहीं जा रहा है, लेकिन सरकार के स्तर पर दावे बहुत किये जा रहे है.