सुविधा के एवज में नगर परिषद नहीं लेगा कोई शुल्क
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गूगल के नक्शे पर ढूंढ़ लेंगे अपने परिचितों के घर का पता
सुविधा के एवज में नगर परिषद नहीं लेगा कोई शुल्क नगर विकास विभाग के पास राज्य के घरों की पूरी जानकारी होगी सहरसा : नगर परिषद के सभी 40 वार्डों में घरों को आधार कार्ड की तरह यूनिक नंबरों से लैस किया जायेगा. इस प्रकार की व्यवस्था से नगर परिषद के सभी घरों का अपना […]
नगर विकास विभाग के पास राज्य के घरों की पूरी जानकारी होगी
सहरसा : नगर परिषद के सभी 40 वार्डों में घरों को आधार कार्ड की तरह यूनिक नंबरों से लैस किया जायेगा. इस प्रकार की व्यवस्था से नगर परिषद के सभी घरों का अपना यूनिक नंबर हो जायेगा. इससे गूगल के नक्शे पर कहीं भी घर बैठे कोई भी व्यक्ति आपके घर के पते की जानकारी प्राप्त कर सकेगा. अगर, आपके कोई परिचित आपका घर नहीं देखे हैं तथा उनके पास घर का नंबर है, तो गूगल के नक्शे के माध्यम से पहुंचना आसान हो जायेगा. डिजिटल इंडिया के द्वारा उक्त नंबर प्लेट लगाने के लिए किसी प्रकार शुल्क देय नहीं होगा. यानी प्रत्येक घरों व दुकानों को इस प्रकार की सुविधा मुफ्त उपलब्ध करायी जायेगी. इस कार्य को मैप माई इंडिया कंपनी द्वारा युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. भौगोलिक आधारभूत संरचना के जरिये इस कार्य को संपादित करने की प्रक्रिया जारी है.
इसे जीआइएस नाम दिया गया है. इस एप्लीकेशन से लिंक करने पर सभी को अपने घरों की जानकारी मिलने लगेगी. इसके साथ ही घर का पता खोजने में भी आसानी होगी.
मिलेगी 15 डिजिट का होगा यूनिक आइडी: इसके तहत नगर विकास विभाग को राज्यभर के घरों की पूरी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी. इसके पूर्व कंपनी द्वारा पूरे घरों का सर्वे करने का काम किया गया था, ताकि किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.
अब कंपनी द्वारा नंबर प्लेट लगाने का काम किया जायेगा. कार्यपालक पदाधिकारी नीलाभ कृष्ण का कहना है कि घरों में यूनिक नंबर लगाये जाने से हर किसी को सुविधा होगी. खासकर सगे संबंधियों के लिए घर खोजना आसान हो जायेगा. अब नगर परिषद क्षेत्र में निर्मित हर वैध-अवैध मकान का यूनिक नंबर होगा. इसके तहत हर मकान को 15 डिजिट का यूनिक आइडी दिया जायेगा. यह सभी कार्य नगर विकास विभाग मुख्यालय से नियंत्रित कर रहा है.
होल्डिंग चोरी पर लगेगी लगाम
यूनिक आइडी जारी होने के बाद नगर परिषद क्षेत्र में अवैध रूप से मकान बनाकर रह रहे लोगों पर नगर परिषद का शिकंजा कसेगा. इसके तहत टैक्स चोरी करने वाले घरों को सूचीबद्ध करने में मदद मिलेगी. ज्ञात हो कि नगर क्षेत्र में रहने वाले 40 प्रतिशत लोग अब भी टैक्स चोरी कर नगर परिषद को प्रत्येक वर्ष लाखों का चूना लगा रहे हैं.
सीधे घर के दरवाजे तक पहुंचेगी कैब
फिलवक्त कोसी के इलाके में भी लोग ऑनलाइन कैब बुकिंग का मजा ले रहे है. अभी के समय में ऑनलाइन एप के जरिये गाड़ियां मोहल्ले तक पहुंच जाती है. जहां पहुंचने के बाद उपलब्ध मोबाइल नंबर के जरिये ग्राहक तक पहुंचने का काम करती है, लेकिन यूनिक आइडी बन जाने के बाद कैब सीधे आपके दरवाजे तक आसानी से पहुंच जायेगी.
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