सासाराम नगर : रोजी-रोजगार के लिए दूसरे देशों में जाने की परंपरा पुरानी रही है. जिले की बड़ी आबादी कई देशों में रहती है. इसमें सबसे अधिक करीब 70 हजार आबादी खाड़ी के देशों कतर, ओमान, लिबिया, सउदी अरब में रहती है. इन 70 हजार की आबादी के करीब आधे लोग कैमूर पहाड़ी की तराई के रोहतास, नौहट्टा व तिलौथू प्रखंडों के विभिन्न गांवों के हैं. इन कामगारों में करीब 40 प्रतिशत उच्च शिक्षित व करीब 60 प्रतिशत कम पढ़े लिखे लोग हैं, जो विदेशों में मेहनत मजदूरी करते हैं.
उच्च शिक्षितों में पांच प्रतिशत वैसे युवा हैं जो ज्यादा पैसे कमाने की चाहत में विदेश गये हैं. 18 मार्च, 2017 को जिले के नौहट्टा थाना क्षेत्र के गांव टीपा व सुकरौली बिगहा में आइएसआइएस का पोस्टर मिलने के बाद पुलिस के कान विदेशों में रहनेवाले युवाओं पर पड़ी है. कारण भी है. अधिकतर युवा हैं और इनको पैसों की दरकार है. ऐसे में आंतकी संगठनों के प्रलोभन में वे आ सकते हैं.आइएसआइएस के पोस्टर मिलने के बाद पुलिस नौहट्टा से ले कर डेहरी तक के एक-एक साइबर कैफे को खंगाली थी. पुलिस को शक था कि आइएसआइएस का पोस्टर किसी ने नेट से निकाला है.
गौरतलब है कि आतंकी संगठन आइएसआइएस का तार भारत से जुड़ने के कई मामले सामने आये हैं. 20 अप्रैल को बेतिया जिले के साठी थाना क्षेत्र के बेलवां गांव से एहतेशामुलहक नामक आंतकी को एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया था. उसने आतंकी गतिविधि के संचालन की ट्रेनिंग ली थी. इसके बाद आइबी ने पूरे बिहार सहित रोहतास जिले की पुलिस को भी हाई अलर्ट जारी की थी.