सपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित कई नेताओं ने केंद्र व प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
सासाराम : नीतीश सरकार किसानों की दशा व दुर्दशा पर खामोश क्यों है, धान का कटोरा कहे जाने वाला जिला के किसान इस सरकार के बेबस और लाचार हैं. एक मात्र बचे पहाड़ से रोजी रोटी चला रहे हजारों लोग बेरोजगार हो गये हैं. वैध पहाड़ को भी मुख्यमंत्री ने अवैध कर दिया. उक्त बातें समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित चौधरी चरण सिंह जयंती पखवारा समरोह सह किसान महापंचायत में सपा के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव ने कहीं. उन्होंने कहा कि किसान ऐसा संवर्ग है जसे अवाम का व सरहद पर लड़ने वाले जवान का पेट भरता है.
लेकिन, सबसे ज्यादा फटेहाल, बेहाल व बेबसी झेल रहा है. बिहार का सबसे बड़ा कारखाना खेती है, जो पानी की किल्लत से जूझ रहा है. श्री यादव ने कहा कि सोन नदी का आधुनिकीकरण नहीं हो पा रहा है. बिहार सरकार ने 600 करोड़ रुपये पैक्स द्वारा धान खरीदगी का लक्ष्य रखी है, परंतु पैक्स का कहना है कि हमारे पास पैसे नहीं है. प्रखंडों या अनुमंडलों में अभी तक क्रय केंद्र नहीं खुल पाया है. मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होता है तो जरूर खुल जाता है.
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि सरकार समय रहते किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं की तो आगामी वर्ष 2017 में सपा किसान आंदोलन वर्ष के रूप में मनायेगी व मुद्दा आधारित आंदोलन का शंखनाद करेगी. इससे पहले प्रदेश भर से आये कई नेताओं ने सुशासन सरकार की जम कर आलोचना की. सभा को लाल साहब सिंह, विरेंद्र सिंह, रोहित आनंद, जगदानंद सिंह, नईम आगा, बलराम सिंह, राजेंद्र सिंह, रॉकी सिंह, राम प्रताप सिंह, राम सिंहासन सिंह, अजय मिश्रा, निर्मल नारायण दुबे, अजय राय, कृष्णा गुप्ता, सत्येंद्र साह, रीता सिंह, गुप्त गप्ता, संजय सिंह, डाॅ अनिल सिंह, कमला केशरी, तेज प्रताप सिंह, रामाश्रय सिंह, पिंटू सिंह, सच्चिता सिंह, देवेंद्र सिंह, धमवीर यादव, दया शंकर पाठक, कामाख्या सिंह, गुड्डू पटेल, सुनील सिंह व राम लखन साह आदि लोगों ने संबोधित किया.