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रेलवे क्रासिंग बनी रिंग रोड के निर्माण में बाधा
शहर की बढ़ती जरूरत व जीटी रोड की कनेक्विटी को ध्यान में रख कर रिंग रोड बनाने की पहल होनी चाहिए. रिंग रोड नहीं होने के कारण व शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए बड़े वाहनों को दिन भर शहर के उत्तर पुरब व पश्चिमी छोड़ पर नोइट्री खत्म होने का इंतजार करना […]
शहर की बढ़ती जरूरत व जीटी रोड की कनेक्विटी को ध्यान में रख कर रिंग रोड बनाने की पहल होनी चाहिए. रिंग रोड नहीं होने के कारण व शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए बड़े वाहनों को दिन भर शहर के उत्तर पुरब व पश्चिमी छोड़ पर नोइट्री खत्म होने का इंतजार करना पड़ता है़
सासाराम कार्यालय : दिनोंदिन शहर का फैलाव होते जा रहा है. बढ़ती जनसंख्या के साथ वाहनों का दबाव भी शहर पर बढ़ा है. इसके कारण आये दिन सड़क जाम की समस्या से लोग रू-ब-रू हो रहे हैं. जाम की समस्या से निबटने के मद्देनजर प्रशासन ने शहर के पूरब, पश्चिम व उत्तर दिशा से शहर में प्रवेश करने वाले बड़े वाहनों के लिए नो इंट्री का फरमान जारी किया.
नो इंट्री लागू होने से शहर के लोगों को दिन में जाम की समस्या से थोड़ी राहत तो मिलती है, लेकिन बड़े वाहन चालकों व मालिकों के समक्ष परेशानी भी खड़ी होती है. सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक शहर में नो इंट्री होने से उन्हें अपने वाहन शहर से बाहर खड़े करने पड़ते हैं.
ऐसे में समय के साथ उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. कई बार शहर के पूरब व पश्चिमी बॉर्डर से उत्तर दिशा में पटना व बक्सर रोड तक रिंग रोड बनाने की मांग उठती रही है.
इसके लिए करीब सात वर्ष पहले सर्वे भी हुआ था. इसके बाद क्या हुआ, इसकी जानकारी देने वाला कोई नहीं. हालात यह है कि शहर के पूरब, पश्चिम व उत्तर दिशा के बॉर्डर पर दिन भर बड़े वाहन नो इंट्री के समय की समाप्ति का इंतजार करते रहते हैं. प्रशासन को वहां पुलिस बल भी तैनात करने पड़ रहे हैं.
जरूर पहल की जायेगी
रिंग रोड बनाने के लिए सर्वे मेरे आने से पहले की बात है. पता लगाया जायेगा अगर ऐसा होगा, तो इसके लिए जरूर पहल की जायेगी. शहर के लिए रिंग रोड की बहुत बड़ी आवश्कता है. इसके निर्माण की कोशिश की जायेगी.
अनिमेष कुमार पराशर, डीएम
शहर के पूर्वी छोर पर शांति प्रसाद जैन महाविद्यालय के समीप पुरानी जीटी रोड से उत्तर दिशा में रेलवे लाइन क्रास कर आरा-पटना रोड तक व पश्चिम दिशा में बेदा से रेलवे क्राॅसिंग होते हुए करगहर रोड तक रिंग रोड बनाने का सर्वे डीएम अनुपम कुमार के समय में हुआ था. सर्वे के बाद एक उम्मीद जगी थी कि रिंग रोड का निर्माण होगा. नहीं अब तक कोई कदम नहीं उठाया जा सका है.
रेलवे क्रासिंग पर पुल निर्माण जरूरी
रिंग रोड के निर्माण में रेलवे क्राॅसिंग बड़ा पेच बना हुआ है. पूरब व पश्चिम में दोनों सड़क रेलवे क्राॅसिंग को पार करते हैं. ऐसे में इन क्रासिंगों पर पुल बनाने की जरूरत महसूस की गयी थी. क्राॅसिंग पर पुल निर्माण नहीं होने से भारी वाहनों के आवागमन में बाधा उत्पन्न होने की संभावना बनी रहेगी.
हो रहा आर्थिक नुकसान
रिंग रोड की मांग बहुत पुरानी है. शहर में भारी वाहनों के आवागमन से परेशानी होती है. रिंग रोड नहीं होने से ट्रक मालिकों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है. 12-12 घंटे तक ट्रक खड़े रह जाते हैं. हमे डैमेज भी नहीं मिल पाता है. रिंग रोड रहता तो पटना या बक्सर जाने के लिए नो इंट्री के झंझट से छुटकारा मिल जाता.
विनय कुमार सिंह, अध्यक्ष, रोहतास जिला ट्रक ऑपरेटर संघ
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