सासाराम ऑफिस : शबनम भूंजी सेवई की डिमांड इस ईद में बढ़ी है, तभी तो अभी ही 400 रुपये किलो के भाव तक पहुंच गयी है. तो, परंपरागत दूध फेनी का ताव भी बरकरार है. सबसे अधिक बिकने वाली दुधफेनी अपनी कीमत 120 से 150 रुपये किलो तक संभाले हुए है. हाथ से बनी हुई खूबसूरत हाथ फेनी भी दमखम के साथ मार्केट में रौनक बनाते हुए 200 रुपये किलो तक बिक रही है.
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शबनम भंजी का ईद में बढ़ा भाव, ताव दे रही दूधफेनी
सासाराम ऑफिस : शबनम भूंजी सेवई की डिमांड इस ईद में बढ़ी है, तभी तो अभी ही 400 रुपये किलो के भाव तक पहुंच गयी है. तो, परंपरागत दूध फेनी का ताव भी बरकरार है. सबसे अधिक बिकने वाली दुधफेनी अपनी कीमत 120 से 150 रुपये किलो तक संभाले हुए है. हाथ से बनी हुई […]
इसकी कीमत जितनी है, उतनी ही इसकी खोज भी की जा रही है. जहां रूमाली सेवई अपनी छवि को बिखेरते हुए 60 रुपये किलो तक खरीदी जा रही है. वहीं, थोड़ी ही खायी जाने वाली व ईद के दिन सेवाइयों की भीड़ में चखे जाने वाली किमामी सेवई अपने रंग व फितरत में 70 से 100 रुपये किलो तक बिक रही है. इसकी मांग भी सबसे ज्यादा है. एक नये ढंग में बाजार में प्रस्तुत हुई छोटी छड़ सेवई 40 से 50 रुपये किलो मिल रही है.
रमजान के बाद ईद में लोगों की प्यास बुझाने के लिए 60 रुपये किलो तक शर्बती सेवई लोगों को पसंद आ रही है. रमजानुल मोबारक का मोकद्दस महीना धीरे-धीरे शावाल महिना यानी ईद-उल-फितर की जानिब बढ़ चला है. ईद के त्योहार को चंद दिन रह गये हैं. अकीदतमंदों के घरों में ईद की तैयारी शुरू हो चुकी है. मीठी सेवइयों का त्योहार ईद को यादगार बनाने के लिए जोरों पर तैयारी चल रही है.
शहर के विभिन्न बाजार भी ईद त्योहार के अनुरूप सज गये हैं. बनारस, पटना, इलाहाबाद व कोलकाता की सेवइयों से बाजार गुलजार हैं. सेवइयों की दुकानों पर खरीदारों की खासी भीड़ देखने को मिल रही है. किमामी सेवई, रूमाली सेवई, शर्बती सेवई, दूधफेनी सेवई, लच्छा के अलावा अन्य रंग-बिरंगी सेवइयों से सजी दुकानें लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. गौरतलब हो कि, रमजान माह के रोजे रखने के बाद ईद का पर्व आता है, जिसे अकीदतमंद बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं.
इस मौके पर अकीदतमंद काफी तैयारियां करते हैं. ईद की नमाज पढ़ने के लिए नये कपड़े सिलवाये जाते हैं. घरों में खासतौर से सेवइयां और तरह-तरह की पकवान बनाये जाते हैं. शहर के अंदरूनी इलाके में स्थित बाजार में वैसे तो दिन में भी काफी रौनक होती है. लेकिन, रमजान-उल-मुबारक के दिनों में शाम होते ही यहां का माहौल और भी खुशगवार हो जाता है. इसके साथ ही ड्राई फ्रूट सेवइ आदि की दुकानों पर भी खरीदारों की भीड़ उमड़ी रहती है.
400 रुपये तक सेवई की हो रही बिक्री : दुकानदारों के अनुसार बाजार में पचास रुपये से लेकर 400 सौ रुपये किलो के भाव में सेवई की बिक्री की जा रही है. किमामी सेवई का प्रति किलो भाव 70 से 100 रुपये, रूमाली सेवई 60 रुपये किलो, शर्बती सेवई 60 रुपये किलो, पटना का लक्षा सेवई 90 से 120 रुपये किलो, कोलकाता का दूधफेनी सेवई लगभग एक पच्चीस रुपये किलो, बनारस का माकुती सेवई एक सौ बीस रुपये किलो, बनारस का भूना हुआ किमामी सेवई का आधा किलो का पैकेट साठ रुपये में बिक्री किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे ईद का त्योहार नजदीक आएगा वैसे-वैसे सेवइयों की बिक्री बढ़ेगी.
बनारसी सेवई की मांग ज्यादा
शहर में सेवई की दुकानों पर भीड़ अधिक दिख रही है. महिलाएं, बच्चे व पुरुष सभी खरीदारी में जुटे हुए हैं. सबसे अधिक मांग बनारसी व इलाहाबादी सेवई की हो रही है. चौखंडी, सराय मोड़, शाहजुमा, शेरगंज मोड़, मंडई केश्वर खां, गांधी नीम सहित अन्य जगहों पर सेवइ की दुकानें सजी हुई हैं. सराय मोड़ पर दुकान किये हुए व्यवसायी नौशाद आलम ने बताया कि बनारसी और इलाहाबादी सेवई 60 से 100 रुपये प्रति किलो बिक रही है. जबकि, विभिन्न प्रकार की भुनी सेवई की कीमत 80 से 400 रुपये प्रति किलो है.
मोटी सेवई 30 से 35 रुपये प्रति किलो बेची जा रही है. सेवई विक्रेताओं के अनुसार, बनारसी और इलाहाबादी सेवई की मांग अधिक है. शहर के बाजार में सगीर व बबलू कहते हैं कि सेवई की कीमत में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है. लोग अपनी मनपसंद सेवइयों की खरीदारी बड़े ही चाव से कर रहे हैं. शाम के समय में अच्छी खासी बिक्री हो जा रही है.
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