मोहम्मद आरिफ खान, सासाराम : जिले की 85 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे पढ़ाई के साथ सब्जी उगाना भी सीखेंगे. यही नहीं स्कूलों की बगिया में जो सब्जी उगेगी उसे मिड-डे मील में पकायेंगे व खायेंगे. आयुर्वेद विभाग के साथ मिल कर स्कूलों में बगिया तैयार करने का काम होगा. उनमें औषधीय गुणों से भरपूर सब्जियां लगाने में विद्यार्थियों की मदद की जायेगी.
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स्वयं की उगायी सब्जियों का इस्तेमाल करेंगे मिड डे मील में, छात्रों के स्वास्थ्य को होगा लाभ
मोहम्मद आरिफ खान, सासाराम : जिले की 85 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे पढ़ाई के साथ सब्जी उगाना भी सीखेंगे. यही नहीं स्कूलों की बगिया में जो सब्जी उगेगी उसे मिड-डे मील में पकायेंगे व खायेंगे. आयुर्वेद विभाग के साथ मिल कर स्कूलों में बगिया तैयार करने का काम होगा. उनमें औषधीय गुणों से […]
इससे स्कूलों में परोसे जा रहे मिड-डे मील में और अधिक पौष्टिक आहार मिलेगा. अभी यह योजना जिला के 85 सरकारी स्कूलों में शुरू होगा. इसको लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया जा रहा है. किस प्रकार से इस योजना को कारगर व सुचारु रूप से चलाना है. इस पर भी मंथन चल रहा है.
रसाेई के निकट होगा किचेन गार्डन
आयुर्वेद विभाग की इस योजना के तहत स्कूलों में मिड-डे मील की रसोई के निकट किचन गार्डन तैयार किया जायेगा. जिसमें स्थानीय विभिन्न किस्म के औषधीय पौधों के साथ विभिन्न प्रकार की सब्जियां भी लगाये जायेंगी. स्कूलों में किचेन गार्डन योजना के माध्यम से बच्चों को पौधों तथा सब्जियों के बारे में जानने का मौका भी मिलेगा. यह योजना उन्हीं स्कूलों में शुरू हो रही है, जिनके पास भूमि उपलब्ध है.
एमडीएम में प्रोटीन व विटामिन की मात्रा में होगी बढ़ोतरी : मिड-डे मील योजना के तहत स्कूलों में पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए चार रुपये प्रति बच्चा व छठी कक्षा से आगे के लिए छह रुपये प्रति बच्चा खर्च दिया जा रहा है.
ऐसे में इतने कम खर्च में बच्चों को रोजाना दाल और चावल ही परोसे जा रहे हैं. किचन गार्डन योजना के माध्यम से इन बच्चों को मिड-डे मील के दौरान हरी सब्जी भी खाने को मिलेगी, जिससे मिड डे मील में प्रोटीन और विटामिन की मात्रा में बढ़ोतरी होगी. जिससे उनका स्वास्थ्य और भी अच्छा होगा.
मौसम के अनुसार उगायी जायेंगी सब्जियां
मौसम के अनुसार सब्जियों का चक्र तैयार किया जायेगा. इसके लिए विशेषज्ञों की राय ली जायेगी. यहां लगाये जाने वाले सब्जियों व पौधों का इस्तेमाल एमडीएम में किया जायेगा. ऐसा सिस्टम तैयार किया जायेगा कि एक सब्जी का सीजन खत्म होने के बाद दूसरी तैयार हो जाएं. स्कूल परिसर के अंदर या बाहर अनुपयोगी जमीन का इस्तेमाल किचेन गार्डन में किया जायेगा.
डीइओ प्रेमचंद्र ने बताया कि सरकार की नयी योजना के अनुसार जिले के 85 स्कूलों में किचन गार्डन की योजना शुरू की जा रही है. आयुर्वेद विभाग के साथ मिल कर कर स्कूलों में क्यारियां बनाकर उसमें हरी सब्जियों को उगाया जायेगा और इन सब्जियों को एमडीएम में परोसा जायेगा. जिससे छात्रों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
सब्जियां होंगी केमिकल फ्री
किचन गार्डन के तहत बच्चों को बताया जायेगा कि कौन-सी सब्जी कैसे लगाई जाती है और इससे कैसे हमारे शरीर को फायदा मिलता है. इन किचेन गार्डन में लगायी जाने वाली सब्जियां व पौधे केमिकल फ्री होंगे. इनकी देखरेख का जिम्मा स्कूल प्रशासन व छात्रों का होगा.
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