24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चाय की चुस्कियों के बीच तल्ख होती रही जुबान

बदलते राजनीतिक माहौल पर किसी ने कसा तंज, तो किसी ने किया सपोर्ट सासाराम शहर : सियासी घमसान के बीच लालू क्लीन बोल्ड हो चुके हैं. कप्तान नीतीश ने 20-20 मैच खेलते हुए खेल को अपने पाले में कर लिया. खिलाड़ियों में फूट की आशंका के कारण डे-नाइट मैच चलता रहा. इस बीच शुक्रवार को […]

बदलते राजनीतिक माहौल पर किसी ने कसा तंज, तो किसी ने किया सपोर्ट
सासाराम शहर : सियासी घमसान के बीच लालू क्लीन बोल्ड हो चुके हैं. कप्तान नीतीश ने 20-20 मैच खेलते हुए खेल को अपने पाले में कर लिया. खिलाड़ियों में फूट की आशंका के कारण डे-नाइट मैच चलता रहा. इस बीच शुक्रवार को भी शहर में चाय पर चर्चा व नुक्कड़ पर नोकझोंक जारी रही. हर तरफ बस एक सवाल..आगे क्या होगा? कोई इस फैसले को जंगलराज से मुक्ति का रास्ता बता रहा था, तो कोई इसे मौका परस्ती का नाम दे रहा था.
सूबे में मचे सियासी संग्राम के बीच शहर के हर चौक-चौराहे पर शुक्रवार को भी चौपाल सजा था. पोस्ट ऑफिस चौक के पास एक चाय की दुकान पर विधानसभा की तर्ज पर बहसबाजी देखने व सुनने को मिली.
गौरक्षणी निवासी सुदर्शन सिंह ने इस फैसले को सही बताते हुए जंगलराज से मुक्ति का तर्क दे रहे थे, तो मिथिलेश यादव इसे मौकापरस्ती का नाम दे रहे थे. हालांकि, भ्रष्टाचार के सवाल पर मिथिलेश खुद खामोश हो गये और फिर अन्य दलों में मौजूद मंत्री की कुरसी पर बैठे भ्रष्ठ नेताओं का नाम गिनाने लगे. कुछ ऐसा ही नजारा कचहरी स्थित एक चाय दुकान पर भी दिखा. चाय की चुस्कियों के साथ राजनीतिक पारा चढ़ता-उतरता रहा. नीतीश के फैसले पर खुद चाय वाले चाचा खुश नजर आये. कहने लगे-अच्छा हुआ कि साथ छोड़ दिये. अगर लालू जी सही होते तो बेटा को हटा देते. जबकि, कुछ लालू समर्थक जदयू को बेवफाई का मिसाल बताते हुए दिल की भड़ास निकाल रहे थे. कालीस्थान के समीप अचानक अलग-अलग पार्टी के कथित प्रवक्ताओं की भीड़ जुट गयी. आमलोग पार्टी प्रवक्ता की भूमिका में सामने आ गये. तीखी बहस चलने लगी.
खुद को युवा नेता बताने वाले दीपक कुशवाहा इसे सत्ता सुख का समीकरण करार दे रहे थे. उन्होंने नीतीश पर चुटकी ली और कहा कि रामविलास तो यूं ही बदनाम हैं. असल मौसम वैज्ञानिक तो हमारे मुख्यमंत्री जी हैं. इस चुटकी पर भाजपा समर्थक आशुतोष ने कहा कि सब लोग तो मौसम वैज्ञानिक हैं. जबकि, लालू जी भ्रष्टाचारी वैज्ञानिक हैं. परिवार के कारण विधायकों को बेरोजगार कर गये. समर्थकों की आपसी खींचतान के बीच चायवाले चाचा सबको चाय पर चाय परोसे जा रहे थे और कह रहे थे-ऐसा उथलपुथल रोज हो तो हमारा भी धंधा चलता रहेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें