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क्षमता से अधिक गायों के रहने से देख-भाल में कमी
सासाराम सदर : शहर के कृष्ण गोशाला की उम्र सौ साल से अधिक की हो गयी है. इसकी स्थापना आजादी से पहले 1911 में हुई थी. इसके लिए बजाप्ता एक कमेटी है, जिसके पदेन अध्यक्ष सदर अनुमंडल पदाधिकारी होते हैं. इसके बाद मंत्री और अन्य सदस्य समाजसेवी होते हैं. पिछले वर्ष तक गोशाला की स्थिति […]
सासाराम सदर : शहर के कृष्ण गोशाला की उम्र सौ साल से अधिक की हो गयी है. इसकी स्थापना आजादी से पहले 1911 में हुई थी. इसके लिए बजाप्ता एक कमेटी है, जिसके पदेन अध्यक्ष सदर अनुमंडल पदाधिकारी होते हैं. इसके बाद मंत्री और अन्य सदस्य समाजसेवी होते हैं. पिछले वर्ष तक गोशाला की स्थिति अच्छी थी. जनवरी माह में गोशाला के मंत्री रहे स्वर्गीय शिवनारायण सिंह यादव, जिन्हें लोग सम्मान भाव से गुरुजी कहते थे, वे नहीं रहे.
इनकी मृत्यु के बाद से ही गोशाला की स्थिति गड़बड़ाने लगी. हालांकि, वर्तमान समय में गोशाला में क्षमता 50 गायों से अधिक करीब 80 गायें आ चुकी हैं. जो उसकी स्थिति को गड़बड़ाने लगी है. लेकिन, ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है, पर गुरुजी के रहते ऐसी नौबत नहीं आयी कि इतनी संख्या में कभी गायें मरी हो. वर्तमान में श्रीकृष्ण गोशाला के प्रभारी सचिव संदीप कानोडिया ने बताया कि पड़ोसी जिला कैमूर में कोई गोशाला नहीं होने के कारण वहां से भी गायों को इसी श्रीकृष्ण गोशाला में भेज दिया जाता है. हाल ही में कैमूर के कुदरा थाना द्वारा 21 पशुओं को गोशाला में पहुंचाया गया था. 19 मार्च, 2017 को डेहरी अनुमंडल के तिलौथू थाना ने 22 पशुओं को गोशाला में पहुंचाया था.
इसके अलावा शहर व जिले के सामाजिक संगठनों द्वारा भी लावारिस, वृद्ध, कमजोर, गायों-बछड़ों को गोशाला में लाये जाने से यहां पशुओं की भीड़ बढ़ गयी है. सरकारी स्तर या सामाजिक स्तर पर जो सहायता मिल रही है वह नाकाफी है. इस स्थिति में गायों की देख-भाल में थोड़ी कमी जरूर आयी है. जो गायें हाल के दिनों में मरी हैं, वे काफी वृद्ध थीं.
इस संबंध में श्रीकृष्ण गोशाला के पदेन अध्यक्ष सदर अनुमंडल पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार ने बताया कि गोशाला का निरीक्षण किया जा चुका है. वहां गायों की देख भाल के लिए उचित इंतजाम करने का निर्देश दिया जा चुका है. जो भी कमी है, उसे जल्द पूरी कर दी जायेगी.
गोशाला की स्थिति सुधारने को लेकर डीडीसी ने अधिकारियों के साथ की बैठक
सासाराम सदर : शहर के श्रीकृष्ण गोशाला के प्रति जिला प्रशासन सक्रिय हो गयी है. गोशाला की नारकीय स्थिति को सुधारने के लिए प्रभारी डीएम सह डीडीसी हाशिम खां ने शुक्रवार को संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में डीडीसी ने गोशाला के नारकीय स्थिति को चिंताजनक बताते हुए गोशाला को सुदृढ़ करने के लिए निर्देश दिया. उन्होंने सबसे पहले नयी कमेटी गठन करने का निर्देश दिया. डीडीसी ने योजनाबद्ध तरीके से गोशाला को बिहार गोशाला अधिनियम के अंतर्गत विधिवत रूप से कार्य करने का निर्देश दिया. डीडीसी ने बताया कि गोशाला के स्थायी फंड रहेगा. शेड बनेंगे और को गोबर से उर्वरक तैयार किया जायेगा.
गोशाला में बरसात के जमा पानी की निकासी की व्यवस्था की जायेगी. परिसर में से कीचड़ को हटाने काम जल्द होगा. डीडीसी ने गोशाला से संबंधित कई समस्याओं पर चर्चा की. मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार, संदीप कानोडिया आदि उपस्थित थे.
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