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गैर पंजीकृत कोचिंग संस्थानों में लटक सकते हैं ताले
निदेशक ने तलब की कोचिंग संस्थानों की रिपोर्ट आरडीडीई ने जिलों को दिया जांच का फरमान पूर्णिया : प्रमंडल के गैरपंजीकृत कोचिंग सेंटरों पर ताले लटक सकते हैं. शिक्षा विभाग इसके लिए कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है. 25 अप्रैल तक कोचिंग संस्थानों की अद्यतन स्थिति के बारे में राज्य मुख्यालय द्वारा रिपोर्ट तलब […]
निदेशक ने तलब की कोचिंग संस्थानों की रिपोर्ट
आरडीडीई ने जिलों को दिया जांच का फरमान
पूर्णिया : प्रमंडल के गैरपंजीकृत कोचिंग सेंटरों पर ताले लटक सकते हैं. शिक्षा विभाग इसके लिए कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है. 25 अप्रैल तक कोचिंग संस्थानों की अद्यतन स्थिति के बारे में राज्य मुख्यालय द्वारा रिपोर्ट तलब किया गया है. इस रिपोर्ट पर फरमान जारी होते ही चिह्नित संस्थानों को बंद करा दिया जायेगा. क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक डा़ चंद्रप्रकाश झा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक के निर्देश पर प्रमंडल के चारों डीईओ को कोचिंग संस्थानों की वस्तुस्थिति से अवगत कराने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि जो भी कोचिंग संस्थान मानकों के अनुरूप नहीं होंगे उनके विरूद्ध कार्रवाई के लिए ताकीद किया गया है.
कोचिंग संस्थानों की जांच का काम युद्धस्तर पर चलाने को कहा गया है.
जिले में सिर्फ 150 कोचिंग से वाकिफ है विभाग : पूर्णिया जिले में करीब डेढ़ सौ कोचिंग ऐसे हैं जिनके बारे में शिक्षा विभाग वाकिफ है. कोचिंग अधिनियम 2010 लागू होने के बाद से इन कोचिंग संस्थानों ने आवेदन किये हैं. आवेदनों के आधार पर इनमें से बमुश्किल तीन दर्जन कोचिंग संस्थानों की जांच पूरी हो पायी है. शेष कोचिंग की जांच होनी बाकी है. निदेशक के ताजा फरमान के बाद यह संभावना है कि सोमवार से कोचिंग संस्थानों पर शिक्षा अधिकारियों की टीम धावा बोलेगी.
बगैर सूचना के चले रहे कोचिंग होंगे चिह्नित
शहर में गली-गली में कोचिंग संस्थान चलाये जा रहे हैं. जबकि जिलेभर में प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर धड़ल्ले से कोचिंग संस्थान चल रहे हैं. विभाग की ओर से डीईओ को कहा गया है कि बगैर सूचना के चल रहे कोचिंग संस्थानों को चिह्नित करने के लिए जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक के अधिकारियों को लगायें. अगर जांच में इस तरह के कोचिंग संस्थान मानकविहीन पाये जाते हैं तो तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे बंद करायें और ऐसे कोचिंग के संचालकों पर विधि सम्मत कार्रवाई भी करें.
हरेक तीन साल पर नवीकरण का नियम
कोचिंग रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत तीन हजार रुपये शुल्क के साथ निबंधन कराना पड़ता है. निबंधन के तीन साल बाद नवीकरण कराने की भी व्यवस्था है. निबंधित संस्थान यदि मानकों का पालन नहीं करते हैं तो जुर्माना या फिर निबंधन भी रद्द हो सकता है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि कोचिंग एक्ट की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है. इसके लिए कोचिंग संचालक के साथ-साथ विभाग भी जिम्मेवार है.
इन मानकों का करना है पालन : कोचिंग एक्ट में कोचिंग संचालन के लिए कई मानक तय किये गये हैं. सबसे पहला मानक कोचिंग में प्रशिक्षित शिक्षक का रहना अनिवार्य है. इसके अलावा प्रत्येक छात्र के लिए एक वर्गमीटर जगह की भी व्यवस्था होनी चाहिए. कोचिंग में बिजली, रोशनी और अग्निशमन की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. पार्किंक का भी इंतजाम रखना अनिवार्य है.
इसके अलावा शौचालय और यूरिनल छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग होना भी आवश्यक है. साथ ही आपात स्थिति के लिए प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था कोचिंग परिसर में होनी चाहिए. जानकारों की मानें तो कोचिंग एक्ट के तहत जो मानक निर्धारित किये गये हैं, उस पर अधिकांश कोचिंग संस्थान खरा नहीं उतरता है. लिहाजा ऐसे कोचिंग संस्थानों पर भविष्य में गाज गिर सकती है.
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