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कुछ ही समय में स्टॉक हुआ खाली

अधिसंख्य लोग घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद बैरंग वापस हो गये पूर्णिया : मार्च के अंत तक बीएस-थ्री वाहनों की खरीदारी पर छूट की खबर को लेकर अचानक टू-व्हीलर वाहनों के प्रतिष्ठानों पर भीड़ लग गयी. भीड़ इतनी कि अफरातफरी मच गयी. पूरे शहर ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाके से भी बड़ी संख्या […]

अधिसंख्य लोग घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद बैरंग वापस हो गये

पूर्णिया : मार्च के अंत तक बीएस-थ्री वाहनों की खरीदारी पर छूट की खबर को लेकर अचानक टू-व्हीलर वाहनों के प्रतिष्ठानों पर भीड़ लग गयी. भीड़ इतनी कि अफरातफरी मच गयी. पूरे शहर ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाके से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. हालांकि छूट का लाभ कुछ ही लोग उठा पाये. अधिसंख्य लोग घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद बैरंग वापस हो गये.

दरअसल वाहनों की खरीदारी के लिए भीड़ एक दिन पूर्व से ही लगनी शुरू हो गयी थी. लोगों को सूचना मिल गयी थी कि 31 मार्च तक बीएस-थ्री मॉडल की बाइक पर काफी छूट दी गयी है. कई बाइक एवं स्कूटी पर तो 20 हजार से भी अधिक की छूट रखी गयी थी. इस खबर ने इतना जोर पकड़ा कि अप्रत्याशित भीड़ जुट गयी. इतना ही नहीं गुरुवार से लगी भीड़ देर रात तक चलती रही. सुबह होते-होते स्टॉक खाली हो गया था. इसके बाद भी लोग वहां से हट नहीं रहे थे. मधुबनी मुहल्ले की कविता देवी की बेटी भागलपुर में पढ़ती है.

उसकी बेटी ने मां से स्कूटी का आॅर्डर दिया. कविता दौड़ी-दौड़ी हीरो शो रूम पर गयीं, तो वहां स्टॉक खाली बताया गया. इसके बाद वह होंडा एवं सुजुकी व टीवीएस के शोरूम पर गयीं, पर वहां भी निराशा हाथ लगी. इसी प्रकार कई लोग बाइक व स्कूटी के लिए चक्कर लगाते रहे, लेकिन उन्हें हाथ मलते हुए लौटना पड़ा. कुल मिलाकर बाइक प्रतिष्ठानों पर दिनभर मेले सा नजारा रहा.

नोटबंदी से भी ज्यादा मारामारी : देश में नोटबंदी के बाद जिस तरह से बैंकों में नोट बदलने को भीड़ लगी थी, उसी प्रकार का तेवर बाइक की प्रतिष्ठानों पर दिखा. लोग रुपये लेकर अपनी बारी के लिए एक दूसरे के ऊपर चढ़े रहे. भीड़ इतनी थी कि नोटबंदी से ज्यादा ही मारामारी दिख रही थी. छूट पर बाइक व स्कूटी खरीदने के लिए इतनी मारामारी हुई कि दस बजे के अंदर ही सारे बीएस-थ्री बाइक व स्कूटी आउट ऑफ मार्केट हो गये थे.

प्रतिष्ठान संचालक हुए अंडरग्राउंड

जब बीएस-थ्री बाइक आउट ऑफ मार्केट हो गये, तो प्रतिष्ठान संचालक थोड़ी देर के लिए अंडरग्राउंड हो गये. वे इसलिए अंडरग्राउंड हो गये कि उनके पास छूट वाली गाड़ियों की खरीदारी के लिए तरह-तरह के दबाव आने लगे थे. हालांकि दोपहर बाद वे लोग पुन: अपने प्रतिष्ठानों में आ गये. तब तक भीड़ भी काफी घट गयी थी.

किस वाहन पर कितनी थी छूट

लगभग सभी कंपनियों में बाइक पर औसतन 15 हजार एवं स्कूटी पर दस हजार की छूट थी. 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आननफानन में पांच सौ बाइक व स्कूटी बिकी. हालांकि दिन के चार बजे तक किसी भी प्रतिष्ठान से सही आंकड़ा नहीं मिल पाया, मगर होंडा और हीरो की बाइक सबसे अधिक बिकने की बात सामने आयी है. मां दुर्गे होंडा के सीइओ राजेंद्र कुमार एवं उषा हीरो के प्रोपराइटर सिद्धार्थ प्रताप उर्फ ऋषि ने इस बात काे स्वीकार किया कि सबसे ज्यादा उनके प्रतिष्ठानों से बिक्री हुई है.

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