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प्रार्थना करने के दौरान शराब की बदबू से बच्चे हो रहे परेशान

लापरवाही. आरक्षी मध्य विद्यालय में आबकारी थाना का कब्जा समाहरणालय स्थित एक आरक्षी मध्य विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे हर रोज शराब की बात करते हैं और शराब की बोतलों के इर्द-गिर्द पढ़ाई भी करते हैं. चूंकि इस विद्यालय के एक हिस्से में आबकारी विभाग का कब्जा है. जिसके बरामदे पर पुरानी शराब की बोतलें […]

लापरवाही. आरक्षी मध्य विद्यालय में आबकारी थाना का कब्जा

समाहरणालय स्थित एक आरक्षी मध्य विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे हर रोज शराब की बात करते हैं और शराब की बोतलों के इर्द-गिर्द पढ़ाई भी करते हैं. चूंकि इस विद्यालय के एक हिस्से में आबकारी विभाग का कब्जा है. जिसके बरामदे पर पुरानी शराब की बोतलें पड़ी हुई है. प्रार्थना करने के दौरान शराब की बदबू से बच्चे परेशान हो जाते हैं.
पूर्णिया : पूर्ण शराबबंदी और नयी उत्पाद नीति के लागू होने के बाद शराब पीना और पिलाना तो दूर, अब उससे जुड़ी बातें भी लोग करना पसंद नहीं करते हैं. लेकिन जिला मुख्यालय में एक ऐसा भी स्कूल है, जहां स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे शराब की बोतलों के इर्द-गिर्द पढ़ाई करते हैं.
समाहरणालय के पास स्थित आरक्षी मध्य विद्यालय के एक भवन पर करीब एक दशक से आबकारी थाना का कब्जा है. भवन के कमरे और बरामदे में जब्त बोतलें बिखरी पड़ी रहती है. सबसे गंभीर बात यह है कि न सिर्फ इस भवन बल्कि स्कूल के मैदान के कोने में भी आबकारी थाने ने कब्जा जमा रखा है. प्रवेश द्वार से सटे कोने में पुरानी शराब की बोतलें पड़ी रहती है. शराब की बोतलों के बीच पढ़ाई करना बच्चों की और पढ़ाना शिक्षकों की मजबूरी है. वर्षों से विद्यालय परिसर में आबकारी थाना का कब्जा बना रहना अपने आप में व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है.
शराब की बोतलें खाली हैं, पर बदबू बरकरार
स्कूल परिसर में रखी गईं अधिकांश बोतलें खाली हैं पर उनकी बदबू बरकरार है. स्कूल की छात्रा अंजलि बताती है कि जब हवा तेज रहती है तो यह बदबू परेशान करती है. प्रार्थना के वक्त बच्चों की नजरें अक्सर शराब की बोतलों पर चली जाती है. सभी बच्चे जानते हैं कि ये दारू की बोतलें हैं. फिर भी कोई छात्र गलती से बोतलों के बारे में शिक्षकों से पूछ लेता है तो उसे डांट खानी पड़ती है. कहीं न कहीं मनोवैज्ञानिक रूप से इसका असर बच्चों पर भी पड़ रहा है. यह हाल तब है जब जिले में जब्त शराब की बोतलों को नष्ट करने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाए जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर स्कूल में रखी बोतलों को नष्ट करने की कवायद अब तक नदारद है.
आरक्षी स्कूल में शराब की बोतलों का काफी पुराना स्टॉक है. यह मामला मेरे भी संज्ञान में आया है. जल्द ही स्कूल परिसर में रखी शराब से जुड़ी सारी सामग्री हटा ली जायेगी. इसके लिए कवायद भी आरंभ कर दी गयी है.
ओमप्रकाश, उत्पाद अधीक्षक, पूर्णिया
विद्यालय परिसर से शराब की बोतलें हटाने और भवन को स्कूल को सौंपने के लिए उत्पाद विभाग को कई बार लिखा गया है. इस बार विभाग की ओर से कर्मचारी भेज कर 31 मार्च तक की मोहलत ली गयी है. इसके बाद भी खाली नहीं हुआ तो वरीय अधिकारियों को फिर पत्र लिखा जायेगा.
वचनेश्वर झा, प्रधानाध्यापक

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