पूर्णिया : श्रीनगर थाना क्षेत्र के बंग्ला टोला की मसीरन देवी ने श्याम ऋषि से प्रेम किया और जाति-धर्म की सीमा को लांघ कर विवाह कर लिया. शादी के बाद गैर धर्म में शादी रचाने की वजह से लंबे समय तक मसीरन को श्याम के साथ घर-बार छोड़ कर बाहर समय बिताना पड़ा. कुछ वर्षों […]
पूर्णिया : श्रीनगर थाना क्षेत्र के बंग्ला टोला की मसीरन देवी ने श्याम ऋषि से प्रेम किया और जाति-धर्म की सीमा को लांघ कर विवाह कर लिया. शादी के बाद गैर धर्म में शादी रचाने की वजह से लंबे समय तक मसीरन को श्याम के साथ घर-बार छोड़ कर बाहर समय बिताना पड़ा. कुछ वर्षों के बाद स्थिति सामान्य हुई तो फिर पति-पत्नी गांव में ही रहने लगे. इस दौरान मसीरन को चार बच्चे भी हुए, जिसमें दो की मौत भी हो गयी. लेकिन लगभग एक वर्ष पहले श्याम मसीरन को लेकर अपने बहनोई के पास हरियाणा चला गया. उसने मसीरन को बहनोई के पास ही छोड़ दिया. जहां बहनोई ने मसीरन के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया.
मसीरन ने विरोध जताया और शोर मचाया तो स्थानीय लोगों की मदद से उसकी इज्जत बच पायी. मामला पुलिस परामर्श केंद्र पहुंचा, जहां मामले की सुनवाई हुई. मसीरन के सारे आरोप को श्याम ऋषि ने स्वीकार करते हुए भविष्य में दुबारा गलती नहीं करने की कसम खायी. इस प्रकार मसीरन के साथ श्याम एक बार फिर अपने घर लौट गया.
परिवार परामर्श केंद्र में एक दूसरा मामला भी निबटाया गया, जिसमें पत्नी पति को घर जमाई बनाने पर अड़ी रही. महिला की जिद देख कर पति को पत्नी की बात माननी पड़ी और परामर्श केंद्र ने भी अपनी रजामंदी की मुहर लगायी. पूर्णिया कॉलेज के निकट रहने वाली निशा देवी का कहना था कि उसने चिंटू मंडल से इस शर्त पर शादी की थी कि वह जिंदगी भर घर जमाई बन कर रहेगा. उसके पिता ने ही चिंटू को पढ़ाया-लिखाया और नौकरी के लायक बनाया. अब चिंटू उसे छोड़ना चाह रहा है. जबकि चिंटू का कहना था कि वह जो नौकरी कर रहा है, उससे संतुष्ट नहीं है और वह मिलिट्री में जाना चाहता है. जबकि ससुराल वाले जाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं. निशा का कहना था कि शादी के समय ही करार हुआ था कि स्थानीय तौर पर ही नौकरी वे करेंगे. अंतत: परामर्श केंद्र के हस्तक्षेप पर चिंटू मंडल ससुराल में रहने के लिए राजी हो गया.