हद है. लगती रही वादों की झड़ी, नहीं दूर हो सकी मुख्य बस स्टैंड की बदहाली
Advertisement
बस न पकड़नी हो, तो यहां रुकना गुनाह
हद है. लगती रही वादों की झड़ी, नहीं दूर हो सकी मुख्य बस स्टैंड की बदहाली प्रतिवर्ष लाखों रुपये की आमदनी वाले मुख्य बस पड़ाव की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. बदहाली का आलम यह है कि बस स्टैंड से जुड़े कर्मी भी अधिक समय तक बस पड़ाव के अंदर रुकना नहीं […]
प्रतिवर्ष लाखों रुपये की आमदनी वाले मुख्य बस पड़ाव की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. बदहाली का आलम यह है कि बस स्टैंड से जुड़े कर्मी भी अधिक समय तक बस पड़ाव के अंदर रुकना नहीं चाहते हैं. चारों तरफ गंदगी ही गंदगी व पेशाब तथा पैखाना की बदबू यात्रियों को बस स्टैंड से दूर ही खड़े रहने के लिए मजबूर करती है.
पूर्णिया : बस पड़ाव की जिम्मेवारी जिला परिषद की है, लेकिन जिला परिषद के नीति-नियंताओं को बस पड़ाव की बदहाली की परवाह नहीं है. बदहाली की वजह है कि बस पड़ाव के अंदर नहीं, पड़ाव के बाहर लगती है, जो जाम का भी कारण बनता है. वर्षों से बस पड़ाव के स्थानांतरण की चर्चा होती रही है, लेकिन वह भी महज किस्सा बन कर रह गयी है. बस पड़ाव के दशकों के सफर में कई उप विकास आयुक्त बदले, तो कई जिप अध्यक्ष की ताजपोशी हुई, लेकिन बस पड़ाव की बदहाली की तसवीर नहीं बदल सकी.
65 लाख की आमदनी जनसुविधा सिफर
बस पड़ाव का प्रतिवर्ष डाक होता है. बहरहाल इस बस पड़ाव से जिला परिषद को प्रतिवर्ष 65 लाख रुपये की आमदनी हो रही है, लेकिन स्याह सच यह है कि बस पड़ाव के रख-रखाव में प्रतिमाह 65 हजार रुपये भी खर्च नहीं होते हैं. जनसुविधा के नाम पर यहां व्यवस्था नाकाफी है. जानकार बताते हैं कि बस पड़ाव की आमदनी जिला परिषद के कर्मियों के वेतन और अन्य मद में खर्च की जाती है. मिथिला में एक प्रचलित कहावत है ‘ जेकरे माय मरै, ओकरे पत्ता पर भात नय ‘ .
मतलब रुपये बस पड़ाव का और उसका उपभोग दूसरे लोग कर रहे हैं. बस पड़ाव में चारों तरफ बदबू ही बदबू फैली रहती है और कचरे के बीच सूअर अपना भोजन तलाशते नजर आते हैं. आम लोगों के प्रयोग के लिए यूरिनल व शौचालय का भी अभाव है. यात्रियों के बैठने के लिए शेड नहीं है. जो शेड है, उस पर बस से जुड़े कर्मियों का कब्जा रहता है या फिर इतनी गंदगी कि बैठना लोग मुनासिब नहीं समझते हैं.
नहीं है कोई पुरसाहाल
बस पड़ाव को संवारने को लेकर जब-जब बात चली है, सब एक दूसरे के बहाने पल्ला झाड़ लेते हैं. जिला परिषद से लेकर नगर निगम व अन्य संबंधित विभाग केवल राजस्व उगाही तक ही बस पड़ाव से वास्ता रखते हैं. जानकार बताते हैं कि बस पड़ाव से जहां लाखों रुपये की कमाई विभाग को होती है, वहीं सफाई, पेयजल, सड़क, रोशनी, शौचालय जैसी आवश्यक सुविधा पर अब तक ठोस कार्य नहीं हुआ है. इतना ही नहीं पूर्व में बने रेन बसेरा व उपलब्ध सुविधाएं ध्वस्त हो चुकी हैं और उनके जीर्णोद्धार की दिशा में कोई औपचारिक काम भी नहीं हो पा रहा है.
बस स्टैंड में शौचालय का भी है अभाव
यात्रियों के लिए जो शेड है, उस पर भी बस से जुड़े कर्मियों का ही रहता है कब्जा
थोड़ी सफाई देख बंधी थी उम्मीद फिर पुराने ढर्रे पर आया
यहां के कर्मियों को भी ठीक से याद नहीं, कब हुई थी सफाई
07 जनवरी को जिला परिषद अध्यक्ष क्रांति देवी अपने अमले के साथ बस पड़ाव पहुंची थीं और बस पड़ाव की बदहाली से रूबरू हुई थीं. उन्हें भी देख कर हैरत हुई, तो तत्काल ही निगम कर्मियों की मदद से सफाई अभियान चलाया गया. सफाई हुई, तो बस पड़ाव की अंदर की सूरत कुछ बदली-बदली भी नजर आयी. बस पड़ाव के अंदर कितने साल के बाद इस तरह की सफाई हुई, यह पड़ाव से जुड़े दुकानदारों व बस कर्मियों को भी ठीक-ठीक याद नहीं है. इस वाकये को अब 10 दिन बीत चुके हैं. बस पड़ाव की सूरत पूर्ववत हो चुकी है. फिर एक बार कचरे का अंबार, जलजमाव, दुर्गंध आदि से बस पड़ाव सराबोर है. जाहिर है कि बस पड़ाव की सूरत बदलने के लिए महज एक दिन की नहीं, लंबे समय तक की कवायद जरूरी है.
अधर में है बस स्टैंड के स्थानांतरण का मामला
मुख्य बस पड़ाव तीन वर्ष के बाद भी भूमि अधिग्रहण के पेच में फंसा हुआ है. वर्ष 2013-2014 में शहर से बाहर मरंगा स्थित बकरी प्रजनन केंद्र में नये सिरे से प्रमंडलीय बस पड़ाव को संवारने को लेकर 250 करोड़ की राशि के आवंटन के बावजूद स्थानांतरण के पेच में फंसा बस पड़ाव उपेक्षा का दंश झेल रहा है. जलजमाव, कीचड़ और कुव्यवस्था के बीच हर रोज हजारों यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाने वाला यह बस पड़ाव खुद की मंजिल से दूर है. दरअसल वर्ष 2013-14 में प्रमंडलीय बस पड़ाव को मरंगा शिफ्ट करने की घोषणा हुई थी. योजना बनी, डीपीआर तैयार हुआ और 250 करोड़ की परियोजना भी सार्वजनिक हुई थी. वर्ष गुजर गया, लेकिन पहल सिफर है.
हाल ही में बस पड़ाव में स्वच्छता अभियान चलाया गया. स्थायी रूप से पड़ाव में स्वच्छता बनी रहे, इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है. बस पड़ाव को हर हाल में बेहतर बनाया जायेगा. स्थानांतरण की प्रक्रिया सरकार के स्तर पर पूरी की जायेगी.
क्रांति देवी, अध्यक्ष, जिला परिषद
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement