नगर निगम . एक फरवरी से शुरू होने वाला है स्वच्छता सर्वेक्षण
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रैंकिंग की राह में शहर की सफाई व शौचालय बन सकता है रोड़ा
नगर निगम . एक फरवरी से शुरू होने वाला है स्वच्छता सर्वेक्षण स्वच्छ शहर के लिए होने वाले सर्वेक्षण में तकरीबन 86 फीसदी अंक सफाई व शौचालय की व्यवस्थित सुविधा पर मिलना है. इसमें पुरुष व महिला शौचालय की बेहतर स्थिति होनी चाहिए. पर रैंकिंग की राह में शहर में शौचालय व सफाई की अव्यवस्था […]
स्वच्छ शहर के लिए होने वाले सर्वेक्षण में तकरीबन 86 फीसदी अंक सफाई व शौचालय की व्यवस्थित सुविधा पर मिलना है. इसमें पुरुष व महिला शौचालय की बेहतर स्थिति होनी चाहिए. पर रैंकिंग की राह में शहर में शौचालय व सफाई की अव्यवस्था रोड़ा साबित हो सकती है.
पूर्णिया : स्मार्ट सिटी व स्वच्छ शहर की स्पर्धा में पूर्णिया शहर भी शामिल होने की कवायद में जुटा है. देश के 500 शहरों की सूची में भी पूर्णिया शामिल है. इसे लेकर एक फरवरी से स्वच्छता सर्वेक्षण प्रारंभ होने वाला है. इसकी तैयारी में जुटा निगम शहर को संवारने को लेकर जोर-आजमाइश में जुट गया है. मंगलवार को निगम के 46
वार्डों के वार्ड पार्षद की बैठक आयोजित कर शहर को स्वच्छ बनाने की रणनीति पर चर्चा हुई. बैठक में सफाई, नाला, पेयजल व शौचालय व्यवस्था को 30 जनवरी से पहले दुरुस्त कर शहर की चार स्लम बस्तियों के साथ-साथ शहर को चार जोन में बांट कर सफाई अभियान चलाने की सहमति बनी.
इसके अलावा पेंशन योजना, वर्ष 2017-18 के बजट आदि पर भी चर्चा हुई. निगम की बैठक में पहली बार सामाजिक सुरक्षा कोषांग के अधिकारी के साथ विकास मित्र भी मौजूद थे. तकरीबन तीन घंटे तक चली बैठक में रणनीति का आलम यह था कि स्वच्छता सर्वेक्षण में जिन विषयों पर रैंकिंग के लिए सर्वाधिक अंक मिलना है, उस पर निगम की न तो पूर्व की कोई व्यवस्था बहाल है और न ही नयी रणनीति बन पायी है. अलबत्ता सफाई होगी, सर्वेक्षण भी होगा, लेकिन रैंकिंग की राह में शहर में शौचालय और सफाई की अव्यवस्था रोड़ा साबित हो सकती है. बैठक में महापौर विभा कुमारी, उप महापौर संतोष यादव, नगर आयुक्त सुरेश चौधरी, पार्षद सरिता राय, बिंदा देवी, सविता देवी, बेली देवी, कनीज रजा, जानकी देवी, पवन ठाकुर, अमित कुमार, डब्लू, राजीव पासवान, पंकज यादव आदि मौजूद थे.
स्वच्छता एप को लेकर नसीहत : बैठक के दौरान पार्षदों को स्वच्छता से संबंधित जानकारी देते हुए नगर आयुक्त ने गुगल स्वच्छता एप की जानकारी दी. उन्होंने पार्षदों को इस एप के माध्यम से स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्राप्त कर उस पर एक अभियान के तहत कार्य करने एवं वार्डों को स्वच्छ, सुंदर व सुसज्जित बनाने की बात कही.
पेंशन योजना पर भड़के पार्षद
स्वच्छता पर हुई चर्चा के बाद सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर चर्चा होते ही वार्ड पार्षदों के तेवर तल्ख हो गये. वार्ड पार्षद सरिता राय, पंकज सिंह आदि ने सामाजिक सुरक्षा कोषांग के द्वारा नियुक्त विकास मित्रों द्वारा मनमानी का आरोप लगाया. हालांकि बैठक में मौजूद कोषांग के प्रतिनिधि प्रदीप कुमार ने मामले को संभाला, लेकिन माहौल गर्म रहा. पार्षदों का कहना था कि विकास मित्र पार्षदों को योजना की जानकारी व सूची उपलब्ध नहीं कराते हैं. इसके कारण पेंशन को लेकर पार्षदों को जनता का कोपभाजन बनना पड़ता है.
यहां फंस सकता है पेच : स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान सफाई के लिए कचरा निष्पादन, वाहनों की कमी, डोर टू डोर कचरा निष्पादन के अभाव में सड़कों पर जमा कचरा तथा शहर में यूरिनल व शौचालय का अभाव रैंकिंग की राह में पेच बन कर रोड़ा अटका सकता है. पार्षद सरिता राय ने इस ओर ध्यान भी आकृष्ट कराया. दरअसल स्वच्छ शहर के लिए होने वाले सर्वेक्षण में तकरीबन 86 फीसदी अंक सफाई व शौचालय की व्यवस्थित सुविधा पर मिलना है. इसमें पुरुष व महिला शौचालय की बेहतर स्थिति होनी चाहिए. विडंबना यह है कि जिन इलाकों को जोन में बांटा गया है, वहां यह सुविधा उपलब्ध तो है, लेकिन मानक पर कितना खरा उतर पाता है, यह आने वाला वक्त ही बतायेगा.
बैठक को संबोधित करते नगर आयुक्त.
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