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तेज पछुआ हवा ने बढ़ायी ठंड

मुसीबत. मौसम का बदला मिजाज, स्वेटर-मफलर में नजर आने लगे लोग तेज पछुवा हवा के साथ कोहरे की धूंध से ठंड ने अपने तेवर का एहसास कराया. अब तक दिन में गरमी का एहसास कर रहे लोग अचानक मफलर और स्वेटर में नजर आये. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आनेवाले दिनों में लगातार तापमान में गिरावट […]

मुसीबत. मौसम का बदला मिजाज, स्वेटर-मफलर में नजर आने लगे लोग

तेज पछुवा हवा के साथ कोहरे की धूंध से ठंड ने अपने तेवर का एहसास कराया. अब तक दिन में गरमी का एहसास कर रहे लोग अचानक मफलर और स्वेटर में नजर आये. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आनेवाले दिनों में लगातार तापमान में गिरावट आयेगी.
पूर्णिया : रविवार को तेज पछुवा हवा के साथ कोहरे की धूंध के साथ ठंड ने अपने तेवर का एहसास कराया. अब तक दिन में गरमी का एहसास कर रहे लोग अचानक मफलर और स्वेटर में नजर आये.
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आने वाले दिनों में लगातार न्यूनतम तापमान में गिरावट आयेगी, जबकि अधिकतम तापमान लगभग एक समान बना रहेगा. मौसम के मिजाज को भांप लोग गर्म कपड़े की खरीदारी के लिए बाजार निकल पड़े. हालांकि रविवार होने की वजह से अधिकांश बड़ी और ब्रांडेड दुकानें बंद रही, लेकिन विभिन्न चौक-चौराहे पर फुटपाथों पर गर्म कपड़े की दुकान सज गयी और बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करते नजर आये. मौसम के बदले मिजाज को देखते हुए सोमवार से गर्म कपड़ों का बाजार गर्म होने के आसार नजर आ रहे हैं. हालांकि नोटबंदी के बाद से उपजी स्थिति की वजह से गर्म कपड़े के कारोबारियों में संशय व्याप्त है.
नोटबंदी का गर्म कपड़ों पर हो रहा असर : ठंड के दस्तक के साथ ही गर्म कपड़ों के बाजार में कारोबारियों की उम्मीदें बढ़ने लगी है. यह दीगर बात है कि 08 नवंबर के नोटबंदी के बाद बाजार में पैसों की कमी हुई है. कारोबारी गर्म कपड़ों की खरीदार अक्तूबर में ही कर नवंबर से बिक्री की उम्मीद लगाये बैठे थे. देर ही सही रविवार को ठंड की पहली दस्तक के साथ बाजार में पहुंचे ग्राहकों को देख कारोबारियों को कुछ उम्मीदें बढ़ी है. लेकिन नोटबंदी के प्रभाव की चिंता उन्हें सता रही है.
हैंडलूम व कपड़ा कारोबारी प्रिंस राज, रेडिमेड कारोबारी कैलाश साह तथा ब्रांडेड कपड़ों के कारोबारी रत्नेश मधुकर की माने तो इस वर्ष गर्म कपड़ों के बाजार पर नोटबंदी का असर कारोबारी नुकसान देने वाला है. बाजार में पैसों की कमी और कैश लेस खरीदारी से बचते ग्राहकों के कारण गर्म कपड़ों का बाजार बीते वर्ष की तुलना में इस बार 30 से 35 प्रतिशत प्रभावित हो सकता है.
दिनांक – अधिकतम तापमान – न्यूनतम तापमान (सेल्सियस)
02 दिसंबर – 28 डिग्री – 17 डिग्री
03 दिसंबर – 28 डिग्री – 16 डिग्री
04 दिसंबर – 29 डिग्री – 14 डिग्री
05 दिसंबर – 28 डिग्री – 14 डिग्री
06 दिसंबर – 28 डिग्री – 12 डिग्री
07 दिसंबर – 28 डिग्री – 12 डिग्री
शहर के खुश्कीबाग, लाइन बाजार, जेल गेट, भट्ठा बाजार में जहां दर्जनों फुटपाथी दुकानें स्वेटर, जैकेट, टोपी, बंडी, कोट, इत्यादि की सजी थी वही खरीदार भी बड़ी संख्या में मौजूद थे. ब्रांडेड कपड़ों की दुकानों में जॉकी, मॉटी कारलो, ब्लैक वेरी, पीटर इंग्लैंड, पवेलियन, लम्स इत्यादि के ब्रांडेड टी शर्ट, स्वेटर, जैकेट, बंडी, कोट, चादर की खरीदार अधिकतर कैशलेस तरीके से हुई. अमूमन नवंबर महीने में ही ठंड बढ़ने के साथ हैंडलूम की बिक्री में तेजी और बाजारों में रौनक बढ़ जाती थी लेकिन इस वर्ष ऐसा कुछ नहीं दिखा. शनिवार तक दिन गर्म और सुबह, शाम गुलाबी ठंड के कारण हैंडलूम का बाजार सुस्त पड़ा था. लेकिन रविवार को यहां भी खरीदार नजर आये.
रविवार को अचानक मौसम ने यूटर्न लिया. अमूमन शाम के बाद थोड़ी बहुत ठंडक का एहसास हो रहा था, लेकिन रविवार की सुबह बादलों से ढका हुआ नजर आया और लोगों ने बढ़े हुए ठंड का एहसास किया. 02 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 17 डिग्री दर्ज हुआ था, वहीं 03 दिसंबर को घट कर यह 16 डिग्री हो गया. जबकि रविवार को तापमान का पारा जब गिर कर 14 डिग्री पर पहुंच गया, तब लोगों ने कंपकपी का एहसास किया. मौसम वैज्ञानिक डा देवन चौधरी के अनुसार ठंड ने अब दस्तक दे दी है और यह धीरे-धीरे बढ़ता चला जायेगा. डा चौधरी बताते हैं कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक ठंड पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है.
कहीं कैश, तो कहीं कैशलेस हुई खरीदारी
ठंड के दस्तक के साथ ही घरों से पहली बार निकले लोग जैकेट, स्वेटर, टोपी और शाल में नजर आये. वहीं बाजार में गर्म कपड़े की खरीदारी करने भी लोग पहुंचे. फुटपाथ की दुकानों में नगदी खरीदारी हुई तो दूसरी ओर ब्रांडेड कपड़े की दुकानों में स्वायप मशीन से भुगतान कर लोगों ने कैशलेस खरीदारी की. हालांकि बाजार में अभी कई दुकानों पर स्वाइप मशीनों की कमी के कारण खरीदारों को परेशानी हुई. नगदी कम रहने के कारण एटीएम के तरफ बढ़े लेकिन एटीएम केंद्रों पर लंबी लाइन देख वापस लौट गये. एटीएम केंद्रों के बंद रहने तथा 2000 रुपये की निकासी ही हो पाने की वजह से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
बाजार में पैसों की कमी और कैशलेस खरीदारी से बचते ग्राहकों के कारण गरम कपड़ों का बाजार बीते वर्ष की तुलना में इस बार 30 से 35 प्रतिशत प्रभावित होने की आशंका है

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