अधिवक्ताओं ने कहा कि माता-पिता की नृशंस हत्या करने वाले किसी भी व्यक्ति को इस धरती पर रहने का कोई अधिकार नहीं है.
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हत्यारे को मिले मौत की सजा
अधिवक्ताओं ने कहा कि माता-पिता की नृशंस हत्या करने वाले किसी भी व्यक्ति को इस धरती पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. बनमनखी : अधिवक्ता सारंगधर सिंह की मौत पर अनुमंडल के अधिवक्ता संघ द्वारा गुरुवार को शोक सभा का आयोजन किया गया. साथ ही स्व सिंह की हत्या को जघन्य अपराध बताते हुए […]
बनमनखी : अधिवक्ता सारंगधर सिंह की मौत पर अनुमंडल के अधिवक्ता संघ द्वारा गुरुवार को शोक सभा का आयोजन किया गया. साथ ही स्व सिंह की हत्या को जघन्य अपराध बताते हुए घटना की कड़ी निंदा की गयी. अधिवक्ताओं ने कहा कि माता-पिता की नृशंस हत्या करने वाले किसी भी व्यक्ति को इस धरती पर रहने का कोई अधिकार नहीं है.
ऐसे लोगों को फांसी की सजा होनी चाहिए. संघ की महासचिव डा कृष्णा कुमारी ने कहा कि अपने ही पिता को जींदा जला कर मारने वाला कभी पुत्र नहीं हो सकता है. क्योंकि कोई भी पुत्र कभी पिता की हत्या नहीं कर सकता है. ऐसे नासूर प्रवृत्ति के लोग राक्षष की के श्रेणी के होते हैं, जिसकी मौत से कम सजा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने वृद्ध पिता की हत्यारे को कठोर से कठोर सजा देने की वकालत की. शौक सभा में मृतक आत्मा के शांती के लिए दो मिनट का मौन धारण किया. इस अवसर पर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हरेंद्र मिस्री, महासचिव डा कृष्णा कुमारी, आजाद आलम, विपिन कुमार पौद्दार, दिलीप कुमार दास, जयचंद्र यादव,
नागेंद्र पोद्दार, नसरूल्लाह अंसारी, नारायण प्रसाद, विनपेंद्र कुमार साह, राजेश कुमार सिंह, मनोज कुमार यादव, मणिभूषण यादव, मंजु श्रीवाला, सुधीर कुमार, राकेश कुमार सिंह, संजय सिंह, राज कुमार, संजीव कुमार, देवानंद राम आदि उपस्थित थे. गौरतलब है कि बुधवार को अधिवक्ता सारंगधर सिंह की हत्या उसके ही पुत्र सौरभ उर्फ मुकूल ने घर में आग लगा कर कर दी थी. वही स्व सिंह की मां अर्थात कमला देवी की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है.
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