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एक बार फिर सक्रिय हुए प्रसव माफिया

लाइन बाजार के पोस्टमार्टम रोड, बिहार टॉकिज रोड, नूर अख्तर की गली, शिव मंदिर रोड आदि स्थानों में दर्जनों अवैध प्रसव गृह का हो रहा संचालन. पूर्णिया : लाइन बाजार की हर गली में अमानक प्रसव गृहों में प्रसव कराने का कारोबार खूब फल-फूल रहा है. लाइन बाजार के पोस्टमार्टम रोड,बिहार टॉकिज रोड,नूर अख्तर की […]

लाइन बाजार के पोस्टमार्टम रोड, बिहार टॉकिज रोड, नूर अख्तर की गली, शिव मंदिर रोड आदि स्थानों में दर्जनों अवैध प्रसव गृह का हो रहा संचालन.
पूर्णिया : लाइन बाजार की हर गली में अमानक प्रसव गृहों में प्रसव कराने का कारोबार खूब फल-फूल रहा है. लाइन बाजार के पोस्टमार्टम रोड,बिहार टॉकिज रोड,नूर अख्तर की गली,शिव मंदिर रोड आदि स्थानों में लगभग दर्जनों अवैध प्रसव गृह का संचालन हो रहा है. प्रसव के काले कारोबार को हवा देने का काम प्रखंडों में तैनात आशा कर रही हैं.
प्रसव माफियाओं के जड़ इतने मजबूत है कि विभाग के बाबूओं की सांठ-गांठ कर इस धंधे का संचालन किया जा रहा है. इसके एवज में यहां के बाबूओं के दफ्तर में बंधी-बंधायी रकम भेज दी जाती है.यही कारण है कि यह धंधा यहां बेखौफ चल रहा है. हाल ही में एक सरकारी चिकित्सक के क्लिनिक में अप्रशिक्षित महिला द्वारा प्रसव कराने की चर्चा ने काफी तूल पकड़ा था.
इन स्थानों पर चल रहा है अवैध प्रसव गृह : पोस्टमार्टम रोड में आधे दर्जन अवैध प्रसव गृह संचालित है. सभी प्रसव गृह अप्रशिक्षित सड़क छाप महिलाओं के द्वारा संचालित है. बताया जा रहा है कि कुछ संचालकों के खिलाफ कई बार कार्रवाई भी हो चुकी है. इसके बावजूद विभाग की सांठ-गांठ से प्रसव गृह का संचालन होता रहा है.
इस धंधे से जुड़ा एक शख्स खुद को मीडिया कर्मी भी बताता है. बिहार टाकिज रोड में होप चौराहा के पास एक ब्यूटी पार्लर के पास अवैध प्रसव गृह का संचालन हो रहा है. इसकी संचालिका एक ऐसी महिला है,जो कुछ दिन पूर्व तक सड़क के किनारे कचरा चुनती नजर आती थी. जबकि इसी रोड में एक लॉज में एक अन्य महिला द्वारा अवैध प्रसव कक्ष का संचालन किया जा रहा है.जबकि नूर अख्तर वाली गली में कई अप्रशिक्षित महिलाओं द्वारा प्रसव कराये जा रहे हैं. शिव मंदिर रोड में तीन अवैध प्रसव कक्ष चलाये जा रहे हैं. इनमें से एक सदर अस्पताल से सेवानिवृत्त एएनएम संचालिका है.
मध्यस्थ का काम करती है आशा : इन तमाम अवैध प्रसव गृह में जिले के पूर्णिया पूर्व,डगरुआ,अमौर,बायसी,कटिहार जिले के सोनौली, कदवा, रौतारा आदि स्थानों के आशा गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने लाती है.
जानकार बताते हैं कि एक प्रसव के एवज में इन आशाओं को दो से तीन हजार रुपये तक इन अवैध प्रसव गृह के संचालकों द्वारा दिया जाता है. जिससे आशा गर्भवती का प्रसव सरकारी अस्पतालों में नहीं करा कर उन्हें अवैध प्रसव केंद्रों पर पहुंचाती है. खास बात यह है कि इन प्रसूताओं का नाम बाद में सरकारी अस्पताल के रजिस्टर में भी दर्ज हो जाता है.

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