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किसी ने सराहा, तो किसी ने कहा यह कालाधन बढ़ाने का प्रयास

पूर्णिया : केंद्र सरकार द्वारा 500 व 1000 के नोट पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद इस मसले पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आयी है. बुधवार को इस वजह से आम और खास सभी वर्ग के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इस बाबत एनडीए गंठबंधन से जुड़े राजनेताओं ने प्रतिबंध की सराहना की तो […]

पूर्णिया : केंद्र सरकार द्वारा 500 व 1000 के नोट पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद इस मसले पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आयी है. बुधवार को इस वजह से आम और खास सभी वर्ग के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इस बाबत एनडीए गंठबंधन से जुड़े राजनेताओं ने प्रतिबंध की सराहना की तो यूपीए गंठबंधन से जुड़े राजनेताओं ने इसे जनविरोधी करार दिया. प्रतिक्रिया से एक निष्कर्ष यह भी निकल कर आया कि प्रतिबंध कालाधन के लिहाज से भले ही लाभकारी हो, लेकिन यह निर्णय लेने से पहले आम लोगों की सुविधा और असुविधा का ख्याल नहीं रखा गया. इस वजह से गरीब तबके के लोगों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ा.

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव डा इरशाद खान ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश की गरीब जनता को लूटने का यह नायाब तरीका है. देश के बाहर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो कालाधन वापस नहीं ला सके, अब देश के अंदर से कालाधन निकालने के दावे किये जा रहे हैं. दरअसल यह कालाधन बढ़ाने का ही तरीका है.
भाजपा के जिलाध्यक्ष प्रफुल्ल रंजन वर्मा ने कहा है कि पिछले चार-पांच दशक से देश में जाली नोटों का प्रचलन काफी बढ़ गया था, जो देश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर रहा था. इस घोषणा से जाली नोटों पर अंकुश लगेगा तथा देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी. श्री वर्मा ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के हित में पीएम मोदी द्वारा यह सर्जिकल स्ट्राइक है.
जिला राजद अध्यक्ष आलोक कुमार ने नोट पर इस प्रतिबंध को नौटंकी करार देते हुए कहा है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से आम लोगों को काफी परेशानी हुई है. इस फैसले से कालाधन कैसे निकलेगा, यह सवालों के घेरे में है. इस फैसले से पहले वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए थी. क्योंकि इस फैसले से सबसे अधिक परेशानी गरीब और शोषितों को उठानी पड़ रही है.
भाजपा के जिला प्रवक्ता दिलीप कुमार दीपक ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कालाधन पर अंकुश लगाने का जो वादा देश की जनता से किया था, उस दिशा में उठाया गया एक बेहतर कदम है. इससे न केवल देश का भला होगा, बल्कि आम जनता का भी भला होगा. भ्रष्टाचार पर अंकुश के साथ-साथ देशद्रोही द्वारा जो देश की अर्थव्यवस्था पर प्रहार किया जा रहा था, उस पर रोक लग सकेगा.
कांग्रेस नेता कुमार आदित्य ने कहा है कि 500 और 1000 के नोट पर प्रतिबंध से देश में कालाधन पर अंकुश नहीं लगेगा, बल्कि इससे बढ़ावा ही मिलेगा. 2000 के और 500 के नोट फिर बाजार में आ ही रहे हैं. ऐसे में कालाधन पर अंकुश कैसे लगेगा, यह बड़ा सवाल है. अगर जाली नोटों पर नकेल के लिहाज से इसे देखा जाये तो कुछ संभावना नजर आती है, लेकिन वह भी अस्थायी है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता अनंत भारती ने कहा है कि कालाधन, भ्रष्टाचार और राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ केंद्र सरकार का यह मास्टर स्ट्रोक है. कहा कि कम समय के लिए आम लोगों को इससे परेशानी हो सकती है, लेकिन यह देश हित में उठाया गया क्रांतिकारी कदम है.
राजद तकनीकी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव पंकज कुमार ने कहा है कि दुनिया जानती है कि केंद्र सरकार कॉरपोरेट घराने की सरकार है. 500 और 1000 के नोट पर प्रतिबंध आम आदमी के हित में कतई नहीं है. दिन भर दिहाड़ी मजदूरी करने वाले गरीब तबके के लोग सरकार के इस फैसले से परेशान हैं.

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