पूर्णिया : जिले में इन दिनों 10 रुपये के असली और नकली सिक्के को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है. इसका कारण विभिन्न माध्यमों खासकर सोशल मीडिया से फैला अफवाह बताया जा रहा है.
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10 का सिक्का लोगों के जी का जंजाल, हर कोई है परेशान
पूर्णिया : जिले में इन दिनों 10 रुपये के असली और नकली सिक्के को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है. इसका कारण विभिन्न माध्यमों खासकर सोशल मीडिया से फैला अफवाह बताया जा रहा है. हालांकि मंगलवार को बैंकों को आरबीआइ (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) द्वारा जारी एडवाइजरी के बाद इसमें सुधार आने की उम्मीद जतायी […]
हालांकि मंगलवार को बैंकों को आरबीआइ (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) द्वारा जारी एडवाइजरी के बाद इसमें सुधार आने की उम्मीद जतायी जा रही है. जारी एडवाइजरी में आरबीआइ ने बाजार में उपलब्ध 10 रुपये के तीनों मॉडल के सिक्कों को को सही बताया गया है. साथ ही कहा गया है कि सिक्का लेने से इनकार करना राष्ट्रीय मुद्रा का अपमान है और ऐसे करने पर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध जुर्माना और जेल तक की सजा हो सकती है. गौरतलब है कि अफवाह के कारण बीते करीब डेढ़ माह से 10 रुपये के सिक्के का आदान-प्रदान थम सा गया था. जिसके कारण व्यवसायी से लेकर आम लोग तक परेशान हैं.
कुछ लोगों का कहना है कि कई बैंक शाखाओं में भी सिक्का लेने से इनकार किया जा रहा है.
हर माह एक ट्रक सिक्के सप्लाई करती है आरबीआइ : भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा के उप महा प्रबंधक सलील चौधरी बताते हैं कि आरबीआइ द्वारा हर माह जिले में एक ट्रक 10 रुपये के सिक्के का सप्लाई की जाती है. यह सिक्के बाजार में सप्लाई करने के लिए टार्गेट दिया जाता है और इसका मासिक प्रतिवेदन भी आरबीआइ को भेजना होता है.
बताया कि आरबीआइ द्वारा फिलहाल 10 रुपये के नोट की जगह सिक्के को ही प्राथमिकता दी जा रही है. ऐसे में सिक्के नहीं लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने बताया कि ऐसे कुछ मामले उन्हें भी सुनने को मिले हैं. हालांकि अब तक किसी भी व्यक्ति द्वारा लिखित शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है.
व्यवसायी से लेकर आम लोग तक हैं परेशान : आरएन साह चौक स्थित सुधा डेयरी के काउंटर से रोजाना लगभग 01 से डेढ़ लाख रुपये का लेन-देन होता है. यहां केवल खुदरा सिक्के 06 से 07 हजार रुपये का आदान-प्रदान किया जाता है. लेकिन प्रोपराइटर सुशील कुमार बताते हैं कि गत डेढ़ माह से उनके काउंटर पर 15 हजार रुपये का 10 रुपये का सिक्का उपलब्ध है,
जो ग्राहक लेना नहीं चाहते हैं. कई बार तो सिक्का देने पर ग्राहक अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल करने लगते हैं. लिहाजा मजबूरन उन्हें अब 10 रुपये का सिक्का लेने से इनकार करना पड़ रहा है. बताया कि 15 हजार की पूंजी से उनकी एक दिन की कमाई 500 रुपये तक हो जाती है. वही स्थानीय शैलेश भारती बताते हैं कि कुछ दिनों पूर्व ही 10 रुपये का सिक्का देने पर एक ऑटो चालक भड़क गया और मारपीट के लिए भी उतारु हो गया.
जबकि भट्ठा बाजार निवासी संजय गुप्ता के अनुसार वे 10 रुपये का करीब 50 सिक्का लेकर बैंक के कई शाखाओं में गये, लेकिन सभी ने सिक्का लेने से इनकार कर दिया. इसी प्रकार अन्य कई लोगों ने भी अपनी समस्याएं गिनायी
.
राष्ट्रीय मुद्रा का अपमान है सिक्का लेने से इनकार करना : भारतीय संविधान के अनुसार देश के किसी भी हिस्से में भारतीय मुद्रा लेने से इनकार करना उसका अपमान है. ऐसे मामलों में भारतीय मुद्रा का बहिष्कार करने के आरोप में संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई संभव है. यहां तक कि मामले में संबंधित व्यक्ति को जुर्माना तथा जेल तक की सजा हो सकती है.
कोई भी सामान्य व्यक्ति ऐसे मामलों की शिकायत डीएम अथवा संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी से कर सकते हैं. वही अधिकारियों को स्वत: संज्ञान से भी ऐसे मामले की जांच का अधिकार प्राप्त है. मामला सही पाये जाने पर आरोपित व्यक्ति अथवा संस्थान के विरुद्ध कार्रवाई का प्रावधान है.
असली हैं बाजार में उपलब्ध सिक्के के सभी तीन मॉडल
रिजर्व बैंक के अनुसार बाजार में उपलब्ध 10 रुपये के सिक्के के सभी तीन मॉडल असली हैं. जिस 15 धारी वाले 10 रुपये के सिक्के को लेकर विवाद सबसे अधिक गहराया, उसके विषय में कहा गया है कि वर्ष 2011 के पूर्व आरबीआइ द्वारा 15 धारी वाले सिक्के जारी किये गये थे. इन सिक्कों पर तब तक रुपये का सिंबॉल आरबीआइ द्वारा अंकित नहीं किया गया था,
जो जुलाई 2010 में आरबीआइ ने अपनाया था. इन सिक्कों में 15 धारियां हुआ करती थी. वही वर्ष 2011 के बाद जारी सिक्कों में आरबीआइ ने 10 धारियों के अलावा रुपये के निशान को भी अंकित किया. इसका मूल उद्देश्य वैसे लोगों के लिए भी सिक्के की पहचान को सहज करना था, जो अंधेपन के शिकार थे या फिर उनकी नजरें कमजोर थी. इसके अलावा वर्ष 2015 में कुछ सिक्के वैष्णो देवी के निशान के साथ भी जारी किये गये. हालांकि इन सिक्कों में भी 10 धारियां तथा रुपये का निशान मौजूद है.
खास बातें
10 का सिक्का लेना नहीं चाहते हैं आम लोग
हर माह जिले में एक ट्रक सिक्के की सप्लाई करता है आरबीआइ
बैंकों को मिलता है वितरण का टार्गेट, करना पड़ता है मासिक रिपोर्ट
आरबीआइ ने जारी की एडवाइजरी, कहा, हर सिक्का है सही
सिक्का लेने से इनकार करना राष्ट्रीय मुद्रा का है अपमान
जागरूकता के अभाव में सिक्का इस्तेमाल से कतराते हैं आम लोग
सही हैं बाजार में उपलब्ध सभी " 10 के िसक्के
बाजार में उपलब्ध 10 रुपये के सभी सिक्के सही हैं. केवल अफवाह मात्र के कारण लोग इसके इस्तेमाल से गुरेज कर रहे हैं. अगर नकली सिक्के होते तो रिजर्व बैंक की ओर से इस दिशा में आदेश जारी किया जाता. लेकिन अब तक नकली सिक्के संबंधी कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है. लिहाजा सिक्का लेने से इनकार करने की शिकायत पर संबंधित व्यक्ति अथवा संस्थान के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.
किशोर कुमार सिंह,
अग्रणी बैंक प्रबंधक, पूर्णिया
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