रहें सतर्क. दिल्ली में दस्तक, जिले में आफत
Advertisement
त्योहार में स्वाइन फ्लू से रहें सावधान
रहें सतर्क. दिल्ली में दस्तक, जिले में आफत त्योहारों के इस मौसम में अगर आप स्वाइन फ्लू की जद में आ जायें तो इससे इनकार नहीं िकया जा सकता. कारण िक िदल्ली में इसने दस्तक दे दी है. त्योहारों में बड़े पैमाने पर परदेस गये लोग घर लौटते हैं, िजससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है. […]
त्योहारों के इस मौसम में अगर आप स्वाइन फ्लू की जद में आ जायें तो इससे इनकार नहीं िकया जा सकता. कारण िक िदल्ली में इसने दस्तक दे दी है. त्योहारों में बड़े पैमाने पर परदेस गये लोग घर लौटते हैं, िजससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है.
पूर्णिया : स्वाइन फ्लू देश की राजधानी दिल्ली में दस्तक दे चुका है. जाहिर है कि देश के अलग-अलग हिस्से में इसके फैलने से इनकार नहीं किया जा सकता है. त्योहार के मौसम में अगर यह सीमांचल के इलाके में भी यह दस्तक दे दे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. इसकी बड़ी वजह यह है कि दीपावली और छठ के मौके पर बड़ी संख्या में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बैंगलुरु, कोलकाता जैसे महानगरों से लोग घर वापस लौटते हैं. ऐसे में सौगात के रूप में यह सीमांचल में भी पहुंच जाये, इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता है. यह जानलेवा बीमारी हमला करे, इससे पहले बचाव के उपाय कर लेना ही बेहतर होगा. वैसे इस बीमारी को लेकर सदर अस्पताल के फ्लू वार्ड को अलर्ट कर दिया गया है.
आयुर्वेद में भी बचाव
स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए जीवन शक्तिवर्धक के रूप में हल्दी, तुलसी, नीम, गिलोय, आंवला, ग्वारपाठा, लहसून व अदरख आदि का नियमित सेवन उचित माना जाता है. रोग नाशक द्रव्य में सुदर्शन क्वाथ या वटी आदि का सेवन उत्तम माना जाता है. पाचन तंत्र को स्वस्थ करने के लिए हल्का गरम व ताजा भोजन के साथ साथ नींबू,आंवला, मौसमी का रस व हल्दीयुक्त दूध के साथ-साथ अधिक से अधिक मात्र में पानी का सेवन लाभकारी माना गया है.
सीमांचल बन सकता है नया ठिकाना
सीमांचल क्षेत्र के अधिकांश लोग रोजी रोटी के लिए राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र व दिल्ली आदि इलाकों में काम करने जाते हैं. दीपावली व छठ पर्व का मौसम चल रहा है.ऐसे में लोगों का दिल्ली जैसे महानगरों से आने का सिलसिला जारी है. लोग जाने-अनजाने अपने साथ स्वाइन फ्लू को साथ लेकर आ सकते हैं, जिससे इस इलाके में इस रोग के फैलने की संभावना बढ़ गयी है. स्वास्थ्य विभाग ने बाहर से आने वाले लोगों की जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है.
पिछले वर्षो में स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल में फ्लू वार्ड की स्थापना के साथ ही फ्लू की तमाम चिकित्सकीय व्यवस्था कर दी गयी है. वैसे अस्पताल प्रशासन इस रोग के प्रति चौकस है. बताया जा रहा है कि इस वर्ष अब तक पूर्णिया में एक भी मरीज स्वाइन फ्लू के नहीं पाये गये हैं, जिससे विभाग थोड़ी राहत महसूस कर रहा है.
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू वायरस से होता है. स्वाइन एनफ्लूएंजा के एच 1 एन 1 वायरस के शरीर में फैलने से होता है. इससे आक्रांत मरीजों को अन्य बुखार की तरह तेज बुखार, सर्दी व जोड़ों में दर्द भी होता है. रोग बढ़ने के साथ-साथ और भी कई अन्य लक्षण देखने को मिलते हैं. यह रोग एक-दूसरे के शरीर में छींकने, थूकने व खांसने के क्रम में प्रवेश करता है.
ऐसा लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टरों से परामर्श लेना चाहिए. स्वाइन फ्लू में एंटी वायरल दवा के साथ बुखार की दवा भी दी जाती है. इस रोग से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाया जाता है. साथ ही मरीजों को विटामिन डी भी के डोज भी दिये जाते हैं.
दीपावली व छठ के मौके पर बड़ी संख्या में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बैंगलुरु, कोलकाता जैसे महानगरों से घर लौटते हैं लोग
एक भी संक्रमित होकर लौटे तो बढ़ जायेगी संक्रमण की आशंका
इलाज शुरू कर देने से बच सकता है मरीज
स्वाइन फ्लू की शीघ्र पहचान कर इलाज शुरू कर दिये जाने से रोगी को बचाया जा सकता है. इस रोग में विटामिन डी के साथ-साथ बुखार को कम करने की दवा दी जाती है. एंटी वायरल दवा भी मरीज को दी जाती है. मरीज को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा या खान-पान देना भी लाभकारी हो सकता है.
डॉ डी राम, फिजिशियन
गर्भवती महिलाओं को रहता है ज्यादा खतरा
स्वाइल फ्लू गर्भवती महिलाओं को आसानी से अपना शिकार बनाता है. साथ ही गर्भपात के बाद भी महिलाओं को स्वाइन फ्लू अपने पंजे में जकड़ लेता है. क्योंकि ऐसी स्थिति में बच्चेदानी का मुंह खुला रहता है. रोग के वायरस आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. ऐसी महिलाओं को ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता होती है.
डा निकहत फातमा, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement