पूर्णिया : दिल्ली की किशोरी को देह मंडी से मुक्त कराने का मामला कोई नयी घटना नहीं है. गुलाबबाग के लखनझड़ी, कब्रिस्तान टोला, कटिहार मोड़ के घोषपाड़ा, रौटा बाजार, बनमनखी एवं हरदा के देह मंडियों से पुलिसिया कार्रवाई में दर्जनों वैसी लड़कियों को मुक्त कराया गया, जिन्हें दलालों ने बाहर से लाकर बेच दिया था.
यहां कई बार बाहर से लाकर बेची गयी लड़कियों को लेकर छापेमारी की गयी और बरामदगी में पुलिस को सफलता भी मिली. लखनझड़ी, घोषपाड़ा एवं हरदा देह मंडी के बाजार में कई महिलाएं जिस्म फरोशी के धंधे में करोड़ों की मालकिन बन चुकी है. लगभग दो दशक से सक्रिय आधे दर्जन महिलाओं ने न केवल बैंक बैलेंस बनाया,
बल्कि संपत्ति भी अर्जित किये हैं. जानकार बताते हैं कि इन महिलाओं का सीतामढ़ी, मोतीहारी, मुजफ्फरपुर, यूपी के बलिया एवं बंगाल के पांजीपाड़ा एवं इस्लामपुर के देह मंडी से तार जुड़े हुए हैं. खास बात यह है कि इस धंधे की ये लेडी डॉन पुलिस व स्थानीय दबंगों के साथ बेहतर समन्वय भी स्थापित करने में सफल रही है. नाचने वाली के नाम पर भी ये अपने धंधे का कारोबार दूसरे राज्यों तक फैला चुकी है. यही वजह है कि विपरीत परिस्थिति में ये अपने धंधेबाजों के साथ कुछ दिनों के लिए बंगाल और यूपी भी चली जाया करती है.