पूर्णिया : डेंगू के दो और नये मरीज सदर अस्पताल में इलाज के लिए भरती हुआ है. जिसमें से एक मरीज की हालत को गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने पटना रेफर कर दिया है. इस प्रकार इस वर्ष तीन डेंगू प्रभावित मरीजों की पहचान हो चुकी है. डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने से पूरे स्वास्थ्य महकमा में हड़कंप मच गया है.
संक्रामक वार्ड स्थित डेंगू वार्ड की स्थिति जस की तस बनी हुई है. सदर अस्पताल में प्लेटलेट्स की व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां के मरीजों को अन्यत्र रेफर किया जा रहा है.
दिल्ली से आया डेंगू : शुक्रवार की शाम के नगर प्रखंड के आजमनगर मुगलटोला गांव निवासी शेख शाहबुद्दीन के पुत्र रियाज अहमद को डेंगू होने की शिकायत के बाद सदर अस्पताल में भरती कराया गया था. किंतु उसकी हालत अत्यंत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने उसे पटना रेफर कर दिया
. रियाज के परिजनों ने बताया कि वह एक माह पूर्व दिल्ली में बुखार से पीड़ित था. डॉक्टरों को दिखाया तो डेंगू की पुष्टि हुई. वह वापस घर आ गया. दूसरा रोगी बायसी प्रखंड के मल्हरिया पंचायत के मो मुजफ्फर का पुत्र मो शाबिर दिल्ली में रह रहा था. वहां उसे बुखार होने लगा. दवा लेने के बाद भी आराम नहीं मिला तो परिजन उसे पंद्रह दिन पूर्व वापस घर बुला लिया. यहां प्राइवेट डॉक्टरों से इलाज कराने पर ठीक नहीं हुआ तो शुक्रवार को सदर अस्पताल में जांच कराने पर डेंगू की पुष्टि हुई. उसे तुरंत डेंगू वार्ड में भरती कराया गया. गौरतलब है
कि इससे पूर्व 16अगस्त को डेंगू का पहला मरीज सदर अस्पताल में मिला था. जो अररिया जिले के जोकीहाट प्रखंड के मोंगरा मल्हरिया गांव निवासी इस्लाम का पुत्र मोहम्मद आलम था.
डेंगू मरीजों के बढ़ने के आसार : इस इलाके के अधिकांश लोग रोजी रोटी के लिए दिल्ली,मुंबई,पंजाब आदि इलाके में जाते हैं. इस समय त्योहारों का मौसम चल रहा है. ऐसे में तमाम लोग परदेश से घर वापसी कर रहे हैं. ऐसे लोगों में डेंगू से प्रभावित मरीजों के होने के आसार अधिक होते हैं. जिससे आने वाले दिनों में डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में सदर अस्पताल स्थित डेंगू वार्ड में व्यवस्था नाकाफी है. यदि समय रहते व्यवस्था दुरुस्त नहीं किया गया तो स्थिति काफी बिगड़ सकती है.
नहीं है मुकम्मल इलाज की व्यवस्था : डॉक्टरों के अनुसार आम लोगों में प्लेटलेट्स की संख्या डेढ़ लाख से साढ़े चार लाख पाया जाता है. डेंगू पॉजिटिव मरीजों में सबसे पहले प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है. जो घटकर लगभग पचास हजार से भी कम हो जाती है. ऐसे में मरीजों को प्लेटलेट्स देने की आवश्यकता होती है. लेकिन पूर्वोत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में प्लेटलेट्स की व्यवस्था नहीं है.
लिहाजा मरीजों को पटना आदि हाइयर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. ऐसा होने से गरीब मरीजों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती है. वैसे भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी में ब्लड सेपरेटर लगाने की घोषणा वर्षों पूर्व की गयी थी. जिसके तहत रेडक्रॉस के बिल्डिंग के ऊपरी मंजिल को खाली भी कराया गया था. किंतु विडंबना यह है कि आज तक घोषणा के अनुरूप ब्लड सेपरेटर की व्यवस्था नहीं हो पायी है.
सुचारू रूप से काम कर रहा डेंगू वार्ड
सदर अस्पताल का डेंगू वार्ड सुचारु रूप से कार्य कर रहा है. डेंगू मरीजों के इलाज के लिए सभी आवश्यक दवा एवं समान उपलब्ध है. हमारे पास प्लेटलेट्स की व्यवस्था नहीं है.
डॉ सुशीला दास,उपाधीक्षक,सदर अस्पताल,पूर्णिया