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अपहरण के प्रयास के आरोप में सात वर्ष की सजा

पूर्णिया कोर्ट : पंचम अपर सत्र न्यायाधीश ने एक अपहरण के प्रयास मामले में सोनडीहा-भवानीपुर के पंकज पथिक को दोषी ठहराते हुए सात वर्ष के कारावास की सजा सुनायी तथा जुर्माना भी लगाया . मामला 21 वर्ष पुराना है जिसमें प्राथमिकी सदर थाना कांड 04/97 धारा 364 ए/120 बी दर्ज किया गया था. सूचक सदर […]

पूर्णिया कोर्ट : पंचम अपर सत्र न्यायाधीश ने एक अपहरण के प्रयास मामले में सोनडीहा-भवानीपुर के पंकज पथिक को दोषी ठहराते हुए सात वर्ष के कारावास की सजा सुनायी तथा जुर्माना भी लगाया . मामला 21 वर्ष पुराना है जिसमें प्राथमिकी सदर थाना कांड 04/97 धारा 364 ए/120 बी दर्ज किया गया था.

सूचक सदर थाना प्रभारी राज कुमार साह थे. जिन्होंने प्राथमिकी में कहा था कि 23 दिसंबर 1996 को जब कांड संख्या 432/96 का अनुसंधान करने गुलाबबाग पहुंचे तो पता लगा कि रंगू सिंह व रामू अग्रवाल बिहार फर्टीलाइजर के बाहर बात कर रहे थे कि इसी क्रम में एक सफेद रंग की मारूति कार आकर रूकी और उसमें बैठे व्यक्ति ने रामू को बुलाया.

वे लोग रामू अग्रवाल को फिरौती की नीयत से ले जाने का प्रयास करने लगे तो रंगू सिंह ने इसका कड़ा विरोध किया. इस बात पर रंगू को गोली मार देने की धमकी दी गयी. गाड़ी चली गयी और पुन: 15 मिनट बाद लौट कर आयी और पंकज पथिक ने रंगू सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी. इस कांड में शिवराम सिंह व विमल सिंह जख्मी हो गये थे. इसमें कई लोगों ने बयान दिया था कि पंकज पथिक तथा कई अन्य व्यक्ति मिल कर आये थे तथा रामू अग्रवाल का अपहरण करना चाह रहे थे जिसमें रंगू सिंह ने ही उसको अपहृत होने से बचाया था.

मामले में न्यायालय ने अभियुक्त को 364 ए में सात वर्ष की सजा व 5000 रुपये का जुर्माना लगाया. गौरतलब है कि हत्या के मामले में पूर्व में अभियुक्त को पूर्व में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है.

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