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तार-तार हुए रिश्ते : दामाद ने सास से रचायी शादी

धमदाहा : फिल्म प्रेम गीत का एक गाना खूब मशहूर हुआ था. होठों से छू लो तुम, मेरे गीत अमर कर दो. बन जाओ मीत मेरे, मेरी प्रीत अमर कर दो. न उम्र की सीमा हो, न जन्मों का हो बंधन, जब प्यार करे, कोई तब देखे केवल मन. नयी रीत चला कर तुम, ये […]

धमदाहा : फिल्म प्रेम गीत का एक गाना खूब मशहूर हुआ था. होठों से छू लो तुम, मेरे गीत अमर कर दो. बन जाओ मीत मेरे, मेरी प्रीत अमर कर दो. न उम्र की सीमा हो, न जन्मों का हो बंधन, जब प्यार करे, कोई तब देखे केवल मन. नयी रीत चला कर तुम, ये रीत अमर कर दो. पूर्णिया में भी यह चरितार्थ होता दिखा, जब एक 21 वर्ष के शादीशुदा युवक ने अपनी मां समान सास के साथ ही शादी कर ली.

यह प्यार का विद्रुप चेहरा है और रिश्ते की गिरती मर्यादा की बानगी है कि मां के समान सास के साथ एक युवक ने अनुमंडल न्यायालय पहुंच कर शपथ पत्र के जरिये बुधवार को शादी रचायी. दामाद की ओर से सास के साथ शादी रचाये जाने की खबर जंगल की आग की तरह फैल गयी और न्यायालय के बाहर इस अनोखे नवदंपती को देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी. हालांकि दोनों पति-पत्नी को अपने अनोखी करतूत का कोई मलाल नहीं था.
भीड़ बढ़ती देख दोनों ने जल्दी-जल्दी नोटरी पब्लिक के समक्ष शादी का शपथ पत्र पूरा किया और अपने गंतव्य के लिए प्रस्थान कर गये. शपथ पत्र के जरिये शादी की वैधानिक वैधता कितनी होगी, यह बहस का विषय हो सकता है, लेकिन दामाद ने सास के साथ शादी रचा कर एक अनोखा कीर्तिमान जरूर स्थापित कर लिया है.
दो वर्ष पूर्व हुई थी सूरज की शादी
सास के साथ शादी रचाने वाला युवक मधेपुरा जिला का पुरैनी निवासी सूरज महतो(21 वर्ष) बताया जाता है. उसकी शादी दो वर्ष पूर्व पुरैनी थाना क्षेत्र के मरूआही गांव में हुई थी. सूरज को अपनी पत्नी से एक 1.5 वर्ष का बेटा भी है. हैरानी की बात यह है कि सूरज की सास आशा देवी(41 वर्ष) के पति अभी जिंदा हैं. जानकारी अनुसार, किसी परिचित के माध्यम से वे लोग अनुमंडल न्यायालय पहुंचे थे. दोनों निजी वाहन से वहां पहुंचे थे.
बोले दोनों : भगवान से बड़ा कोई नहीं, मंदिर में भगवान को साक्षी मान पहले ही कर ली है शादी
दोनों ने कहा, करते हैं हम प्यार
दामाद सूरज महतो और सास से पत्नी बनी आशा देवी ने पत्रकारों के समक्ष स्वीकार किया कि वे दोनों विगत डेढ़ वर्षों से एक-दूसरे से प्यार करते रहे हैं. सूरज ने माना कि स्थिति ऐसी पैदा हो गयी कि चुप रहने से बेहतर संबंध को उजागर करना ही समझा. इसीलिए वे न्यायालय आकर शादी रचा रहे हैं. वहीं यह भी माना कि उसकी पत्नी को इस बात को लेकर थोड़ी नाराजगी है, लेकिन वह मान जायेगी. दूसरी ओर आशा देवी ने बताया कि उनके पति को दामाद के साथ शादी रचाने पर कोई ऐतराज नहीं है. सूरज को इस बात से भी कोई मतलब नहीं है कि शपथ पत्र के जरिये शादी कितना वैध होता है. दोनों ने कहा कि मंदिर में भी भगवान को साक्षी मान कर वे पहले ही शादी कर चुके हैं, भगवान से बड़ा कोई नहीं होता है.
धमदाहा अनुमंडल न्यायालय पहुंच कर शपथ पत्र के जरिये की शादी
मधेपुरा जिले के पुरैनी का रहने वाला है दामाद
दो वर्ष पहले पुरैनी थाना क्षेत्र के मरुआही गांव में हुई थी शादी
सूरज को पहली पत्नी से है डेढ़ साल का बेटा
दामाद बोला, पत्नी को नहीं है अापत्ति, सास के पहले पति भी हैं जीवित
दोनों ने नोटरी पब्लिक के समक्ष पूरा किया शादी का शपथ पत्र और गंतव्य के लिए कर गये प्रस्थान

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