पूर्णिया : नगर निगम चुनाव नामांकन को लेकर महज एक दिन शेष रह गया है. अब प्रत्याशी केवल 24 मई को ही नामांकन कर सकेंगे. वहीं अब तक सभी 46 वार्डों के लिए कुल 149 प्रत्याशियों द्वारा नामांकन परचा दाखिल कराया गया है. शुक्रवार को कुल 137 प्रत्याशियों ने नामांकन परचा भरा. वहीं अब तक […]
पूर्णिया : नगर निगम चुनाव नामांकन को लेकर महज एक दिन शेष रह गया है. अब प्रत्याशी केवल 24 मई को ही नामांकन कर सकेंगे. वहीं अब तक सभी 46 वार्डों के लिए कुल 149 प्रत्याशियों द्वारा नामांकन परचा दाखिल कराया गया है. शुक्रवार को कुल 137 प्रत्याशियों ने नामांकन परचा भरा. वहीं अब तक 350 से अधिक लोगों द्वारा एनआर रसीद कटवाया गया है.
इस बीच उम्मीदवारी के लिए इच्छुक लोगों के बीच आवश्यक विभिन्न दस्तावेजों का संकलन करने की होड़ मची हुई है. नामांकन के चौथे दिन गुरुवार को सुबह से ही निगम कार्यालय परिसर में प्रत्याशी व समर्थकों का हुजूम जुटता रहा. नामांकन दाखिल कर निकलने वाले प्रत्याशियों ने अबीर-गुलाल लगा कर समर्थकों के साथ चुनावी शंखनाद किया. मौके पर प्रत्याशी समर्थकों द्वारा अपने-अपने प्रत्याशियों के समर्थन में जयघोष के नारे भी लगाये गये.
संपत्ति ब्योरा पर चुनाव आयोग सख्त, वास्तुविद का मूल्यांकन अमान्य नगर निगम चुनाव में नामांकन करने वाले प्रत्याशियों को अपने मकान का मूल्याकंन किसी निबंधित मूल्यांकक से करा कर ब्यौरा नामांकन पत्र के साथ समर्पित करना होगा. किसी निबंधित वास्तुविद से कराया गया मूल्यांकन मान्य नहीं होगा. राज्य निर्वाचन आयोग का यह निर्देश केवल उन्हीं प्रत्याशियों पर लागू होगा, जिनकी भूमि का मूल्य 02 लाख रुपये से अधिक एवं मकान का मूल्य 01 लाख रूपये से अधिक होगा.
इससे कम कीमत होने पर प्रत्याशी को केवल इस आशय कर शपथपत्र देना होगा. वही शपथपत्र में गलत सूचना देने पर भारतीय दंड विधान की धारा 177 व 181 तथा बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 (संशोधित) की धारा 447 के प्रावधानों के तहत मुकदमा चलाया जायेगा. इसके अलावा प्रत्याशी या उसके पति/पत्नी तथा आश्रितों की स्वअर्जित या उत्तराधिकार या दान आदि मामले में प्राप्त अचल संपत्ति का भी मूल्यांकन कराना होगा. माता-पिता की अर्जित अथवा प्राप्त अचल संपत्ति होने एवं उनके जीवित रहने की स्थिति में उस संपत्ति का मूल्यांकन देने की आवश्यकता नहीं होगी.
संयुक्त अचल संपत्ति के मामले में अपने या अपने पति या पत्नी अथवा आश्रितों के हिस्से का एवं उस हिस्से के मूल्यांकन का विवरण देना होगा. जिन प्रत्याशियों की स्वयं अथवा पूर्वज से उत्तराधिकार में प्राप्त कोई अचल संपत्ति भूमि अथवा भवन नहीं है, उन्हें इस आशय का शपथपत्र किसी कार्यपालक दंडाधिकारी के समक्ष देना होगा.
इसी के आधार पर नामांकन पत्र स्वीकार किया जायेगा. नाम निर्देशन के बाद शपथपत्र को संबंधित अंचलाधिकारी को स्थलीय एवं गोपनीय जांच के लिए भेजा जायेगा. जांच में शपथ पत्र में दिया गया विवरण असत्य पाये जाने पर उक्त प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.